Joshimath Buildings Demolition: जोशीमठ में खतरा' बनी इमारतें, कुछ देर में होंगी जमींदोज, हटाए गए 4 हजार लोग

Joshimath Buildings Demolition: Danger of buildings built in Joshimath, will happen in some time, 4 thousand people illuminated

 

Uttarakhand Joshimath: उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव के बीच 4 हजार लोगों को वहां से निकाला जा चुका है. वहीं, अधिकारियों ने कहा कि जिन बिल्डिंगों में दरारें और ज्यादा नुकसान हुआ है, उन्हें जमींदोज किया जाएगा, जिससे पास की इमारतों को नुकसान न हो. बताया गया है कि ध्वस्तीकरण का काम आज यानी मंगलवार (10 जनवरी) से शुरू होगा. 

जोशीमठ के इलाके को तीन जोन में बांटा गया है, जो खतरनाक, बफर और पूरी तरह से सुरक्षित हिस्सों में रखे गए हैं. इन जोन को मैग्नीट्यूड के आधार पर भूस्खलन के खतरे को देखते हुए बनाया गया है. बताया जा रहा है कि भू-धंसाव के शिकार जोशीमठ की 600 से ज्यादा इमारतों पर दरारें मिली हैं. इन इमारतों में जो सबसे बुरी तरह प्रभावित हुई होगी, उन्हें ध्वस्त किया जाएगा

जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति' के अतुल सती ने दावा किया है कि कंपनी की टीबीएम मशीन पिछले चार सालों से किसी कारण फंस गई है. अब बाई-पास टनल तैयार की जा रही है और उसमें विस्फोटकों का प्रयोग हो रहा है.

अतुल सती ने कहा कि सुरंग को लेकर कंपनी की क्या नीति है ये तो फ़रवरी 2021 में तपोवन आपदा के समय साफ़ हो गया था जिसमें सौ से अधिक मज़दूरों की मौत हो गई थी. इनमें से बहुतों के शव तक नहीं मिल पाए थे.

उन्होंने कहा, "हम भी सरकार के कहने पर गए थे, लेकिन वहां जाने के क्रम में ये बात सामने आई कि कंपनी के पास तो सुरंग का कोई नक़्शा तक नहीं था, लोगों को सेना और दूसरी संस्थाओं की मदद से निकालने की जो बातें हो रही थीं वो सब कोरे दावों के सिवा कुछ नहीं था

12 किलोमीटर लंबी सुरंग नदी का पानी पन-बिजली स्टेशन के टरबाइन तक ले जाएगी जिसके कुछ हिस्से शहरियों के दावे के अनुसार जोशीमठ की ज़मीन के भीतर से पास हो रहे हैं.

इन लोगों का दावा है कि सुरंग तैयार करने के लिए जो 'ब्लास्ट' किया जा रहा है उसके कारण धरती के भीतर मौजूद कोई प्राकृतिक जलस्रोत फट गया है जिसके बाद शहर के एक हिस्से से बेहद तेज़ कीचड़ वाला पानी पूरे वेग से लगातार बह रहा है और शहर तेज़ी से धंसने लगा है.

हालांकि परियोजना पर काम कर रही कंपनी नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) ने ऐसी किसी आशंका से इंकार किया है.

जोशीमठ का 30 फीसदी हिस्सा हुआ प्रभावित

जोशीमठ को आपदा बहुल क्षेत्र घोषित कर दिया गया है और इस शहर के साथ ही आसपास के इलाकों में भी निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है. एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, करीब 4 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि ऐसा लगता है, जोशीमठ का 30 फीसदी हिस्सा भू-धंसाव से प्रभावित हुआ है. विशेषज्ञों की एक कमेटी इस पर एक सामूहिक रिपोर्ट देगी, जो पीएम कार्यालय में जमा होगी.