Varisu Film Review: यह फ़िल्म पारिवारिक, ऐक्शन, कॉमिडी और रोमांस का परफेक्ट कॉम्बो है वारिसु

Varisu Film Review: Family, Action, Comedy and Romance in this movie Varisu shows
 

Varisu Film:  साउथ के सुपरस्टार विजय का अपना अभिनय पैटर्न है। वह नाचते अच्छा हैं। कॉमिक टाइमिंग उनका कमाल की है। साथ में रश्मिका ‘श्रीवल्ली’ मंदाना भी हैं। हिंदी सिनेमा में उनका जो भी हो रहा हो लेकिन साउथ सिनेमा में वह खूब खिली खिली ही हैं। उनके जिम्मे फिल्म का ग्लैमर बढ़ाने की जिम्मेदारी थी, उसे वह निभा गईं। गानो में नाचना था। नाच भी लीं। और, कुछ खास विजय की फिल्मों में हीरोइन के लिए होता भी नहीं है। प्रकाश राज के अपने तेवर हैं। विलेन बनते हैं तभी उनका तेज दमकता है। माता पिता के किरदार में जय सुधा और आर शरत कुमार और भाइयों की भूमिका में श्रीकांत और शाम ने दर्शकों को भावनाओं में बहा ले जाने का अच्छा काम किया है।

फिल्म : वारिसु
ऐक्टर : थलापति विजय, रश्मिका मंदाना, प्रकाश राज, आर शरत कुमार, जया सुधा
डायरेक्टर : वमसी पेडीपैली
जॉनर : ऐक्शन, फैमिली, ड्रामा
अवधि : 2 घंटा 50 मिनट

वारिसु' की कहानी भारत के एक बड़े व्यवसायी राजेंद्रन की है। उसके दो बेटे जय और अजय उसका कारोबार संभालते हैं। तीसरा बेटा विजय अपने पिता से अलग होकर दूसरा कारोबार शुरू करता है। जब राजेंद्रन को पता चलता है कि वह कैंसर पीड़ित है, तो वह सोचते हैं कि वारिस किसे बनाया जाए, क्योंकि दो बड़े बेटे इस काबिल नहीं कि बिजनेस संभाल सके और तीसरा बेटा घर छोड़कर जा चुका है। राजेंद्रन का मानना है कि बिजनेस की बागडोर ऐसे बेटे के हाथ में सौंपा जाए, जो उसे और आगे बढ़ाए। मामला बिगड़ने लगता है और बुलावा जाता है विजय को। मां के जन्मदिन पर लाडला लौटता है। वह परिवार को वापस जोड़ने में पिता की मदद करता है। रिश्तों के नए नए रंग सामने आते हैं। कुछ सबक भी हैं इस फिल्म के और वे ये कि गलती बड़े की हो या छोटे की, गलती है तो उसे मान लेने में ही बड़प्पन है।

फिल्म की कहानी कुछ यूं है कि देश की सबसे बड़ी माइनिंग कंपनी का मालिक राजेंद्रन (एस शरत कुमार) अपने तीनों बेटों को अपने हिसाब से चलाना चाहता है। लेकिन उसका सबसे छोटा बेटा विजय (थलापति विजय) दोनों बड़े भाइयों की तरह पापा के बिजनेस का हिस्सा बनने से इनकार करके घर छोड़कर चला जाता है। उसकी मां (जया सुधा) विजय को पापा के साठ साल का होने के मौके पर घर बुलाती है। सात साल बाद घर लौटा विजय यह देखकर हैरान रह जाता है कि उसका परिवार बाहर से भले ही एक दिखता हो, लेकिन भीतर से बिखर चुका है। फैमिली फंक्शन में कुछ ऐसी घटना होती है कि परिवार की कलह सामने आ जाती है। विजय को वापस लौटना था, लेकिन जब उसे अपने पापा की जानलेवा बीमारी का पता लगता है, तो वह घर पर रुककर सब कुछ सही करने की ठान लेता है। विजय किस तरह घर से लेकर बिजनेस तक के दुश्मनों से निपटता है, यह जानने के लिए आपको सिनेमाघर जाना होगा।

तेलुगू सिनेमा की बाहुबली, पुष्पा और आरआरआर ने पिछले दिनों हिंदी बॉक्स ऑफिस पर जबर्दस्त सफलता हासिल की, तो कन्नड़ सिनेमा की केजीएफ और कांतारा के हिंदी डब वर्जन ने भी जबर्दस्त कमाई की। साउथ सिनेमा की जबर्दस्त सफलता को देखते हुए तमिल फिल्मी सितारे भी हिंदी बॉक्स ऑफिस पर अपना दम आजमाना चाहते हैं। बीते साल तमिल सुपरस्टार्स अजीत कुमार की वलीमई, थलापति विजय की बीस्ट और चियान विक्रम की पीएस वन हिंदी में डब होकर रिलीज हो चुकी हैं। हालांकि ये फिल्में कुछ खास नहीं कर पाईं।

लेकिन तमिल सितारों की हिंदी बॉक्स ऑफिस पर कब्जा जमाने की कोशिशें जारी हैं। तमिल सिनेमा की पोंगल रिलीज थलापति विजय की वारिसु को उसके निर्माताओं ने इसकी तमिल रिलीज के दो दिन बाद हिंदी में रिलीज किया है। तमिल बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन कमाई का नया रेकॉर्ड बना चुकी वारिसु में विजय ने जबर्दस्त वापसी की। खासकर अपनी पिछली फिल्म बीस्ट के बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास नहीं कर पाने के बाद थलापति विजय ऐक्शन, इमोशन, कॉमेडी और रोमांस का परफेक्ट कॉम्बो लेकर लौटे हैं। फिल्म में उन्होंने अपने फैंस को फैमिली फर्स्ट का मैसेज दिया है।