Sulochana Latkar Passes Away: बॉलीवुड की मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन के माँ का निधन! फिल्म जगत में शोक की लहर...

Sulochana Latkar Passes Away: Bollywood's famous actor Amitabh Bachchan's mother passes away! Wave of mourning in the film world.

 
साल 1999 में, सुलोचना को सुलोचना लाटकर पुरस्कार के तौर पर पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। वहीं, 2004 में फिल्मफेयर ने भी उन्हें लाइफटाइम अर्चीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया था। इसके अलावा, महाराष्ट्र सरकार ने भी उन्हें भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया था।

 

सुलोचना लाटकर, भारतीय सिनेमा की अदाकारा, अब हमारे बीच नहीं रहीं। उनका निधन 4 जून 2023 को हुआ, जब उनकी उम्र 94 साल थी। उन्होंने सांस संबंधी परेशानियों से जूझते-जूझते अपनी जान गंवा दी।

 

सुलोचना ने हिंदी से लेकर मराठी फिल्मों में करीब 65 साल काम किया। उनकी फिल्मोग्राफी देखने पर पता चलता है कि उन्होंने 1942 में फिल्मी करियर की शुरुआत की और उनकी आखिरी फिल्म 'परीक्षा' नामक फिल्म 2007 में रिलीज़ हुई।

सुलोचना को धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन की मां के रूप में याद किया जाता रहा है। उन्होंने अपने जीवन के दौरान इन दोनों बड़े अभिनेताओं के साथ कई फिल्मों में काम किया था। अमिताभ बच्चन के 75वें जन्मदिन पर, सुलोचना ने खुद हाथ से लिखा एक पत्र और उसे बिग बी को दिया था। उनकी मौत की खबर महानायक के लिए भी कठिन घड़ी होगी।

साल 1999 में, सुलोचना को सुलोचना लाटकर पुरस्कार के तौर पर पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। वहीं, 2004 में फिल्मफेयर ने भी उन्हें लाइफटाइम अर्चीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया था। इसके अलावा, महाराष्ट्र सरकार ने भी उन्हें भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया था।

सुलोचना लाटकर के परिवार और जीवन

सुलोचना लाटकर ने 14 साल की उम्र में शादी की थी। उनके पति का नाम काशीनाथ घाणेकर था, जो मराठी स्टेज के पहले सुपरस्टार रहे हैं। काशीनाथ घाणेकर का 56 साल की उम्र में निधन हो गया था। सुलोचना और काशीनाथ के एक बेटी है, जिसका नाम कंचन घाणेकर है। सुलोचना की बेटी कंचन घाणेकर भी अभिनेत्री है।

सुलोचना लाटकर की फिल्मोग्राफी

सुलोचना ने अपने 65 साल के करियर में कई हिंदी और मराठी फिल्मों में काम किया। उनकी पहली फिल्म साल 1942 में रिलीज हुई थी और उनकी आखिरी फिल्म 'परीक्षा' है, जो साल 2007 में आई। इस दौरान, उन्होंने 'हिम्मतवाला', 'फुलवारी', 'राजतिलक', 'खून भरी मांग', 'गुलामी', 'प्रेम गीत', 'दोस्ताना', 'नागिन', 'रईस', 'कोरा कागज', 'जीत' जैसी प्रमुख फिल्मों में भूमिका निभाई।

पुरस्कार और सम्मान

सुलोचना लाटकर को साल 1999 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया। इसके अलावा, साल 2004 में फिल्मफेयर ने उन्हें लाइफटाइम अर्चीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया था। वहीं, महाराष्ट्र सरकार ने भी उन्हें भूषण अवॉर्ड से नवाजा था।

अमिताभ बच्चन के साथ रिश्ता

सुलोचना लाटकर को धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन की मां के रूप में भी याद किया जाता रहा है। उन्होंने अमिताभ बच्चन के 75वें जन्मदिन पर एक प्यारा सा खत भेजा था, जिसे अमिताभ ने सोशल मीडिया पर साझा किया था।

उन्होंने उस खत में लिखा था, 'मेरे प्यारे चिरंजीवी अमित जी। आज आप 75 साल के हो गए हो। मराठी में इस खास दिन को अमृतमहोत्सव कहते हैं। मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि वह आपकी जिंदगी में यू ही अमृतधारा बरसाते रहे।'

अमिताभ बच्चन की फिल्मों में सुलोचना ने मां का किरदार निभाया था, जैसे कि 'मुकद्दर का सिकंदर', 'मजबूर' और 'रेश्मा और शेरा'। 

सुलोचना लाटकर एक उदाहरणीय कलाकार थीं और उन्होंने अपने काम से लोगों को प्रभावित किया। उनका निधन एक बड़ी क्षति है, जो भारतीय सिनेमा को अपनी यादगार कला से वंचित कर देगी।