क्या आप भी गाना सुनते सुनते सो जाते हैं? तो हो जाइए सावधान! जानिए इससे आपके दिमाक पर क्या होता है असर?

Do you also fall asleep listening to the song? So be careful! Know what effect this has on your mind?

 

म्यूजिक सुनना सभी को पसंद होता है। जिंदगी में म्यूजिक की भी अलग ही अहमियत है। म्यूजिक में लोगों के मूड को अचानक से चेंज करने की ताकत होती है। आजकल तो म्यूजिक थेरपी से मरीजों को ऑल्टरनेट ट्रीटमेंट भी दिए जाते हैं।

अपने फेवरेट गाने को लोग दिन में कई-कई बार सुनते हैं, इसके बाद भी उस गाने से उनका मन नहीं भरता है। कई बार तो लोग गाना सुनते-सुनते ही सो जाते हैं। बहुत लोगों को इयरफोन लगाकर गाना सुनते-सुनते सोने की आदत भी होती है।

अक्सर लोग अच्छी नींद के लिए सोने से पहले लाइट म्यूजिक सुनते हैं लेकिन, क्या ऐसा करना सही है? क्या यह आदत आपके लिए सेफ है?

ईयरफोन लगाकर सोना है खतरनाक

स्टडीज की मानें तो कान में ईयरफोन लगाकर सो जाना आपके लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है, यह तो नहीं कहा जा सकता कि ये आपके लिए जानलेवा होगा, लेकिन इस आदत की वजह से आपको अच्छी नींद से समझौता करना पड़ सकता है।

अक्सर ऐसा सुनने को मिलता रहता है कि म्यूजिक की आराम देने वाली क्वॉलिटी अच्छी नींद के लिए मददगार होती है।

लेकिन हमारी बॉडी की अपनी एक आंतरिक घड़ी भी होती है, जिसे सरकैडियन रिदम कहते हैं और हमें इसे फॉलो करना होता है। ऐसे में म्यूजिक सुनते हुए सोने की आदत डालकर, शरीर को किसी और साउंड पर निर्भर करना पूरी तरह से नुकसानदायक है।

नियमित रूप से आर्टिफिशल साउंड सुनकर सोने की आदत डालना पूरी तरह से अनहेल्दी है।

दिमाग को नहीं मिल पाता आराम

म्यूजिक सुनने से हमारी नींद प्रभावित होती है, क्योंकि म्यूजिक सुनने के लिए लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं ऐसे में पूरे दिन के साथ-साथ आराम करने और सोने के दौरान भी हमारा फोन हमारे पास ही रहता है। इससे रेस्ट करने के दौरान भी ब्रेन ऐक्टिव मोड में रहता है और उसे प्रयाप्त आराम नहीं मिल पाता है।

कान को भी हो सकता है नुकसान

सोते समय ईयरफोन लगे रहने से कान डैमेज होने का खतरा भी रहता है। हाई वॉल्यूम पर म्यूजिक चलाकर सोने का बॉडी पर हार्मफुल इफेक्ट हो सकता है। सोते समय कान में ईयरफोन लगी रहने पर कान की स्किन पर प्रेशर पड़ता है और स्किन संबंधित समस्या हो जाती है।

 इसके अलावा, लंबे समय तक इयरफोन लगी रहने के कारण कानों में वैक्स भी ज्यादा बनता है, जिससे सुनने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है।