अब चार साल में होगा ग्रेजुएशन, नई शिक्षा नीति के तहत नया बदलाव
नई शिक्षा नीति के तहत नया बदलाव
Graduation Courses: इसमें कहा गया है कि बृहस्पतिवार की देर शाम तक चली इस बैठक में राज्य के विश्वविद्यालयों के लगभग सभी कुलपति और राज्य शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की अनुशंसा के बाद यह निर्णय किया गया है। बयान के मुताबिक सीबीसीएस और सेमेस्टर प्रणाली के तहत चार वर्षीय स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम आगामी शैक्षणिक सत्र (2023-27) से शुरू किए जाएंगे। इसमें कहा गया है कि कोर्स की संरचना एवं प्रथम वर्ष के लिए विस्तृत पाठ्यक्रम तैयार करने के लिये कमेटी गठित करने का भी निर्णय किया गया।
बयान में कहा गया है कि बैठक में निर्णय लिया गया कि इस सत्र में विश्वविद्यालय स्तर पर ही नामांकन होगा पर सभी विश्वविद्यालयों को एक ही समय पर सभी संबंधित कार्य सम्पन्न करने होंगे और इसके लिए टाईम लाइन का निर्धारण राजभवन द्वारा किया जायेगा और अगले सत्र से नामांकन की केन्द्रीकृत प्रक्रिया अपनाई जायेगी।
Read More; पंडित जवाहर लाल ने ही किया था बाबा साहब अंबेडकर को हराने का काम, कैलाश विजयवर्गीय ने दिया बड़ा बयान
इसमें कहा गया है कि बैठक में एकेडमिक कैलेण्डर बनाने का निर्णय लिया गया एवं आधारभूत संरचना तथा फैकल्टीज के आकलन आदि के संबंध में भी विमर्श किया गया। बयान में कहा गया है कि राज्यपाल ने सीबीसीएस और सेमेस्टर प्रणाली को लागू करने हेतु महत्वपूर्ण निदेश देते हुए सभी प्रक्रियाओं को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करने को कहा। इस बीच, बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संशोधित पाठ्यक्रम पहले साल से ही कौशल विकास का प्रशिक्षण देगा। सीबीएससी के तहत कार्यक्रम को आठ सेमेस्टर में विभाजित किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि एक साल में दो सेमेस्टर पूरा करने के बाद प्रमाणपत्र दिया जाएगा। बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर इस संबंध में टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हो सके।
बयान के मुताबिक सीबीसीएस और सेमेस्टर प्रणाली के तहत चार वर्षीय स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम आगामी शैक्षणिक सत्र (2023-27) से शुरू किए जाएंगे। इसमें कहा गया है कि कोर्स की संरचना एवं प्रथम वर्ष के लिए विस्तृत पाठ्यक्रम तैयार करने के लिये कमेटी गठित करने का भी निर्णय किया गया।
UGC : अभी तक बीए, बीएससी या बीकॉम करने वालों को तीन साल में ग्रेजुएशन की डिग्री मिलती थी. लेकिन अगले साल से ग्रेजुएशन की डिग्री के लिए चार साल तक पढ़ाई करना पड़ेगा. दरअसल, यूजीसी ने फोर ईयर अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रम (FYUP) की रूपरेखा तैयार कर ली है. आने वाले शैक्षणिक सत्र 2023-24 में सभी विश्वविद्यालयों में इसे लागू कर दिया जाएगा. मतलब अगले साल जो छात्र बीए, बीएससी या बीकॉम में एडमिशन लेंगे उनके ये कोर्स चार साल के होंगे. रिपोर्ट के अनुसार, यूजीसी अगले सप्ताह सभी विश्वविद्यालयों से चार वर्षीय अंडरग्रेजुएट कोर्स के नियम साझा कर लेगा.
सभी विश्वविद्यालयों में लागू होगा 4 साल का कोर्स
अंडरग्रेजुएट कोर्स की अवधि में किया जा रहा बदलाव देश के सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में लागू होगा. केंद्रीय विश्वविद्यालयों के साथ अधिकांश राज्य स्तरीय और निजी विश्वविद्यालय भी चार वर्षीय अंडरग्रेजुएट कोर्स लागू करने वाले हैं. रिपोर्ट के अनुसार, देश की कई डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी भी इसको अपनाने को तैयार हैं.
बीए-बीएससी-बीकॉम करने वाले जिन लोगों को अब तक 3 साल में ही ग्रेजुएशन की डिग्री मिल जाती थी, उनके लिए बड़ी खबर है। अब उनकी ग्रेजुएशन की डिग्री तीन साल में नहीं बल्कि 4 साल में मिलगी। दरअसल, फोर ईयर अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रम (FYUP) की रूपरेखा बनकर तैयार है। आने वाले शैक्षणिक सत्र 2023-24 से सभी विश्वविद्यालयों के नए छात्र 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों (बीए, बीकॉम, बीएससी) आदि में दाखिला ले सकेंगे। यूजीसी ने 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के लिए सभी आवश्यक नियम और दिशानिर्देश तैयार किए हैं। यूजीसी के मुताबिक अगले सप्ताह, 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के यह नियम देश के सभी विश्वविद्यालयों के साथ साझा किए जाएंगे।
देश के सभी विश्वविद्यालयों में लागू होगा फैसला
देश के सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अगले सत्र से 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों को लागू कर दिया जाएगा। सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के साथ अधिकांश राज्यस्तरीय और प्राइवेट विश्वविद्यालय भी 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों को लागू करेंगे। इसके अलावा देश भर की कई 'डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी' भी इस 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट कार्यक्रम को लागू करने के लिए अपनी सहमति प्रदान करने जा रही हैं।
2023-24 से जहां सभी नए छात्रों के पास चार साल वाले अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों का विकल्प होगा, वहीं पुराने छात्रों के लिए भी 4 वर्षीय अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रम की स्कीम को मंजूरी दी जा सकती है। इसका सीधा सीधा अर्थ यह है कि ऐसे छात्र जिन्होंने इस वर्ष सामान्य तीन वर्षीय अंडर ग्रेजुएशन पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया है, उन्हे भी अगले सत्र से चार साल की डिग्री कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिल सकता है।
जो अभी पढ़ रहे हैं उनका क्या?
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मुताबिक सभी छात्रों के लिए 4 वर्षीय अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रम मुहैया कराया जाएगा, लेकिन इस पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के लिए छात्रों को बाध्य नहीं किया जाएगा। यदि छात्र चाहें तो वह पहले से चले आ रहे 3 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों को ही जारी रख सकते हैं। यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार के मुताबिक 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों की पूरी स्कीम को जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा। उनके मुताबिक विश्वविद्यालयों में पहले से ही दाखिला ले चुके छात्रों को भी 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों का हिस्सा बनने का अवसर मिलेगा। ऐसे छात्र जो प्रथम या सेकंड ईयर में हैं यदि वह चाहेंगे तो उन्हें भी 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों का विकल्प उपलब्ध कराया जा सकेगा। हालांकि इसकी शुरूआत अगले वर्ष यानी 2023-24 से शुरू होने वाले नए सत्र से ही होगी।