राजस्थान में निकली 225 साल पुरानी बालाजी की प्रतिमा बना आस्था का केन्द्र, लाखों भक्त टेकते हैं मत्था
राजस्थान में निकली 225 साल पुरानी बालाजी की प्रतिमा बना आस्था का केन्द्र, लाखों भक्त टेकते हैं मत्था
अणतपुरा॥ मढा भीमसिह वह भादवा सड़क मार्ग पर रिक्त है लाखों का आस्था का केंद्र खेजडा वाले बालाजी मंदिर बना हुआ है किसी एक समाज के व्यक्ति द्वारा स्थापित किसी देव की प्रतिमा के प्रति सभी समाज के लोगों की अटूट आस्था जुड़ने लगे तो वो असंख्य भक्तों के आराध्य देव कहलाते हैं। आराध्य देव का वो स्थान जन-जन की आस्था, श्रद्धा और विश्वास का पावन धाम बन जाता है। ऐसा ही एक पावन धाम जयपुर जिले में स्थित है। जहां से जुड़ी है लाखों लोगों की अटूट आस्था। जयपुर जिले में किशनगढ़ रेनवाल तहसील के मढा भीमसिह वह भादवा सड़क मार्ग पर स्थित है खेजडा वाले बालाजी का पावन धाम है
श्री खेजडा वाले बालाजी पावन धाम में आयोजित होने वाले मेले और पर्व –
श्री खेजडा वाले बालाजी मंदिर में वैसे तो साल के हर पर्व और त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं। मंदिर परिसर में हर देवी देवताओं का वास होने के कारण आए दिन किसी न किसी पर्व का आयोजन होता ही रहता है। जिन भक्तों की मनोकामना पूरी हो जाती है उनके द्वारा सवामनी सुंदर कांड के पाठ तथा भजन कीर्तन के आयोजन भी समय समय पर होते रहते हैं।
श्री खेजडा वाले बालाजी वो पावन स्थान है जहां श्रद्धालु ना सिर्फ अपने ईष्ट की ही सेवा करते हैं बल्कि मूक पशु पक्षियों की भी सेवा कर श्रद्धालु अपने आप को धन्य मानते हैं। मंदिर परिसर में बना कबूतर खाना