Bihar Nitish Kumar News: बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने दिया इस्तीफा, मुख्यमंत्री वही...सपोर्टिंग पार्टी नयी

 

Bihar Nitish Kumar News: नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। खबर है कि वह आज शाम साढ़े चार बजे बीजेपी के साथ मिलकर नई एनडीए सरकार में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सीएम नीतीश के साथ बीजेपी की तरफ से सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा बिहार के डिप्टी सीएम बनेंगे।

बिहार में सियासी उलटफेर की अटकलें एक बार फिर सही साबित हुईं। नीतीश कुमार ने रविवार सुबह वही किया, जिसका पिछले दिनों से अंदाजा लगाया जा रहा था। रविवार सुबह उन्होंने राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर को इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने राज्यपाल को बताया कि वे महागठबंधन से अलग होने का फैसला कर चुके हैं। और इसी के साथ राज्य में 17 महीने पुरानी महागठबंधन की सरकार गिर गई है। नीतीश अब बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं। विधानसभा में भाजपा के 78, जदयू के 45 और हम के 4 विधायक हैं। 243 सदस्यीय विधानसभा में तीनों दलों को मिलाकर यह आंकड़ा 127 होता है, जो बहुमत के 122 के आंकड़े से पांच ज्यादा है।

नीतीश के राजनीतिक करियर में अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में मंत्री रहने तक से लेकर कई राजनीतिक उतार-चढ़ाव आए। इन वर्षों में उन्होंने आठ बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सहयोगी बदलते रहे, लेकिन कुर्सी पर नीतीश कुमार बने रहे। चलिए आज हम आपको नीतीश कुमार के राजनीतिक सफर के बारे में बताते हैं, जिसमें बिहार में चाहे जिसके साथ मिलकर उन्होंने सरकार बनाई हो, लेकिन सिक्का उन्हीं का चला है। अब नौंवी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं।

आठवीं बार मुख्यमंत्री पद छोड़ा, नौवीं बार दोबारा लेंगे शपथ

  • नीतीश कुमार पहली बार 3 मार्च 2000 को सीएम बने थे। हालांकि, बहुमत न जुटा पाने की वजह से उन्हें 10 मार्च 2000 को पद से इस्तीफा देना पड़ा था। 
  • बिहार में 2005 में हुए चुनाव में नीतीश भाजपा के समर्थन से दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर काबिज हुए। 
  • 2010 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर नीतीश सीएम बने।
  • लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ पार्टी के खराब प्रदर्शन की वजह से उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इस दौरान उन्होंने जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री पद सौंपा। हालांकि, 2015 में जब पार्टी में अंदरुनी कलह शुरू हुई तो नीतीश ने मांझी को हटाकर एक बार फिर खुद सीएम पद ग्रहण किया। 
  • 2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन (जदयू, राजद, कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन) की एनडीए के खिलाफ जीत के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बने। यह कुल पांचवीं बार रहा, जब नीतीश ने सीएम पद की शपथ ली। 
  • डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होने का फैसला किया। उन्होंने जुलाई 2017 में ही पद से इस्तीफा दिया और एक बार फिर एनडीए का दामन थाम कर सीएम पद संभाला। 
  • 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन ने जीत हासिल की। हालांकि, जदयू की सीटें भाजपा के मुकाबले काफी घट गईं। इसके बावजूद नीतीश कुमार ने सीएम पद की शपथ ली।
  • 2022 में एनडीए से अलग होने के एलान के ठीक बाद नीतीश कुमार ने राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन से जुड़ने का एलान कर दिया। इसी के साथ नीतीश कुमार ने आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 28 जनवरी 2024 को उन्होंने आठवीं बार मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया।

बिजली विभाग की नौकरी छोड़ राजनीति में इंट्री

नीतीश कुमार ने बिहार इंजीनियरिंग कालेज से डिग्री हासिल की और छात्र जीवन में ही राजनीति में आ गए थे। हालांकि सक्रिय राजनीति में एंट्री से पहले उन्हें बिहार राज्‍य विद्युत बोर्ड में नौकरी मिल गई थी। कुछ ही दिनों की नौकरी के बाद उन्‍होंने राजनीति का रास्‍ता पकड़ लिया। यह लगभग वही दौर था, जब लालू यादव राजनीति में कदम रख रहे थे। दोनों का राजनीतिक करियर जनता दल से जुड़ने के बाद परवान चढ़ा।

बीजेपी के कहने पर बने बिहार के सीएम

नीतीश कुमार को बिहार का मुख्‍यमंत्री बनाने में बीजेपी की बड़ी भूमिका बताई जाती है. बिहार में एनडीए को पहली बार 2000 में सरकार बनाने का मौका मिला. तब नीतीश कुमार समता पार्टी के नेता थे. यह चुनाव बीजेपी, जनता दल और समता पार्टी ने साथ मिलकर लड़ा था. चुनाव में बीजेपी को 67, समता पार्टी को 34 और जनता दल को 21 सीटें मिली थीं. राजद 124 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी थी, लेकिन उनको स्‍पष्‍ट बहुमत नहीं था. तब झारखंड नहीं बना था और बिहार विधानसभा में 324 सीटें थीं. कहा जाता है कि तब बीजेपी नेताओं ने मुख्यमंत्री बनने के लिए नीतीश कुमार को आगे किया,जबकि उनकी खुद की पार्टी समता पार्टी उन्हें CM बनाने के पक्ष में नहीं थी.

पहली बार 7 दिनों के लिए सीएम बने थे नीतीश

बीजेपी नेता सुशील मोदी ने नीतीश कुमार को ही मुख्‍यमंत्री पद के लिए आगे बढ़ाने का प्रस्‍ताव अपने नेताओं को दिया था। लाल कृष्‍ण आडवाणी और अरुण जेटली जैसे नेताओं के प्रयास से पहली बार नीतीश कुमार को बिहार में एनडीए विधायक दल के नेता के तौर पर चुना गया। तब सात दिन के लिए नीतीश कुमार बिहार के मुख्‍यमंत्री बने। विधानसभा में बहुमत साबित नहीं होने के कारण तब पद छोड़ना पड़ा था। हालांकि, उसके बाद 2005 के चुनाव में जीत के बाद उन्होंने 24 नवंबर को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली और उसके बाद 17 मई 2014 तक लगातार मुख्यमंत्री बने रहे।

मुख्यमंत्री बनने का सफर

नीतीश कुमार पहली बार 3 मार्च 2000 को सीएम बने थे। हालांकि, बहुमत न जुटा पाने की वजह से उन्हें 10 मार्च 2000 को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद बिहार में 2005 में हुए चुनाव में नीतीश बीजेपी के समर्थन से दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर काबिज हुए। 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में वह तीसरी बार सूबे के मुख्यमंत्री बने रहे।

2014 में छोड़ा था मुख्यमंत्री पद

2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ पार्टी के खराब प्रदर्शन की वजह से उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। इस दौरान उन्होंने जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री पद सौंपा। हालांकि, 2015 में जब पार्टी में अंदरुनी कलह शुरू हुई तो नीतीश ने मांझी को हटाकर एक बार फिर सीएम पद पर कब्जा किया।

महागठबंधन ने जीता चुनाव

2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन (जदयू, राजद, कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन) की एनडीए के खिलाफ जीत के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर पांचवी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने।

2020 में सातवीं बार बने मुख्यमंत्री

2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन ने जीत हासिल की। हालांकि, जदयू की सीटें बीजेपी के मुकाबले काफी घट गईं। इसके बावजूद नीतीश कुमार ने सातवीं बार सीएम पद की शपथ ली।

2022 में फिर महागठबंधन के साथ

अगस्त 2022 में एक बार फिर उन्होंने एनडीए का दामन छोड़ दिया और महागठबंधन के साथ आकर आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। अब एक बार फिर वह महागठबंधन से नाता तोड़ चुके हैं और एनडीए के साथ मिलकर नौवीं बार शपथ लेंगे।

नालंदा में है पैतृक गांव

नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को हुआ था। उनके पिता का नाम कविराज राम लखन सिंह है। माता का नाम  परमेश्‍वरी देवी है। उनकी पत्नी मंजू कुमारी सिन्‍हा का स्वर्गवास हो चुका है और बेटे का नाम निशांत है। उनका पैतृक गांव नालंदा जिले का कल्याण बिगहा रहा है, लेकिन नीतीश कुमार के पिता पटना के बख्तियारपुर में रहते थे, जहां उनका जन्म हुआ।