दुधवा नेशनल पार्क में बाघों की मौत के बाद CM योगी सख्त, वन मंत्री और ACS से मांगी रिपोर्ट

CM Yogi strict after the death of tigers in Dudhwa National Park, sought report from Forest Minister and ACS

 

दुधवा नेशनल पार्क में हाल ही में बाघों की मौत की घटना हुई है और इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने वन मंत्री और ACS से विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है और एक जांच टीम का गठन करने का भी आदेश दिया है।

अनुपस्थिति के बावजूद बाघों की मौत का कारण

यह बात हैरत की है कि जंगल में शिकार की कमी नहीं है, और न ही पानी की कमी है, फिर भी बाघ जैसे बड़े जानवर भूख और प्यास से मर रहे हैं। इस समस्या के बावजूद कुछ समय में ही ऐसी घटनाएं घट रही हैं जिसने जानकारों को चौंका दिया है। इस विषय में आईवीआरआई और एनटीसीए भी जांच कर रहे हैं।

दुधवा नेशनल पार्क की स्थिति

दुधवा नेशनल पार्क, जो खीरी जिले में स्थित है, काफी हरा-भरा और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। यहां शाकाहारी पशुओं के लिए फूड चेन है और पेयजल के लिए नदी और वाटर होल की व्यवस्था भी है। मांसाहारी पशुओं के लिए भी पर्याप्त शिकार की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके बावजूद भी दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघों की मौत का जो कारण सामने आ रहा है, उससे पार्क प्रशासन भी हैरान है। यह टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल करीब 884 हेक्टेयर है। बावजूद इसके, कुछ बाघ न केवल कमजोर और बीमार ही मिले हैं, बल्कि भूखे भी। इसके बाद भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, यह दोनों बाघ काफी कमजोर और भूखे थे, जिन्हें शिकार करने में अक्षमता थी। विशेषज्ञ अब इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि ये बाघ कमजोर क्यों हुए हैं।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार

दुधवा टाइगर रिजर्व के बफर जोन में हुई दो बाघों की मौत के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है। 21 अप्रैल को एक बाघ ने वन विभाग की टीम के सामने ही दम तोड़ दिया, जबकि वह शिकार करने में असमर्थ था। इसके बाद, 3 जून को मैलानी रेंज में मरी बाघिन के पेट में पानी तक नहीं मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि ये दोनों बाघ काफी कमजोर थे, उन्हें भूख लगी थी और वे शिकार नहीं कर पा रहे थे। विशेषज्ञ इस मुद्दे का अनुसंधान कर रहे हैं ताकि इन बाघों की कमजोरी का कारण पता चल सके।