Chandauli News: चन्दौली कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी ने मनाई महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री की जयंती
चंदौली। जनपद में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती भव्यपूर्वक बनाई गई। इस क्रम में सर्वप्रथम जिलाधिकारी निखिल टी. फुंडे ने कलेक्ट्रेट परिसर में झंडारोहण कर राष्ट्रध्वज को सलामी दी। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित संगोष्ठी में जिलाधिकारी निखिल टी. फुंडे ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री को नमन करते हुए उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। अपने उद्बोधन में जिलाधिकारी ने उनके योगदान को याद करते हुए उनके उपदेशों,विचारों पर चलने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि सत्य अहिंसा सत्याग्रह स्वालंबन स्वदेशी आदि सभी विचार गांधी जी की महत्वपूर्ण दिन है। गांधी जी के विचार आज सबसे ज्यादा प्रासंगिक हैं। आज हम जिस स्वच्छता के बारे में बात कर रहे हैं और जिस स्वच्छता अभियान को चला रहे हैं गांधी जी ने सौ साल पहले ही उसे पर बल दिया था और सभी लोगों को स्वच्छता के लिए प्रेरित किया था। हम जिस मेक इन इंडिया /मेड इन इंडिया की बात करते हैं उसका मूल गांधी जी के स्वदेशी में खोजा जा सकता है। हम सबको गांधी जी के विचार और उपदेशों के बारे में पढ़ना चाहिए और उनके आदर्शो का पूरी तरह से पालन करना चाहिए।
लाल बहादुर शास्त्री पर अपने विचार व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि लाल बहादुर शास्त्री का जन्म जनपद चंदौली में हुआ था। जिलाधिकारी ने अपने उद्बोधन के दौरान उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगले वर्ष से लाल बहादुर शास्त्री जी को लेकर विशेष आयोजन किए जाएं। उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री सादगी और शालीनता के प्रतीक थे आजादी की लड़ाई में उनका योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण है। हम जिस हरित क्रांति की बात करते हैं उसके बीज लाल बहादुर शास्त्री के द्वारा ही बोए गए थे।
उन्होंने एक बार कहा था कि मेरा सपना है कि जिस दिन भारत में इतना अनाज हो कि कोई भी व्यक्ति भूखा ना सोए उसे दिन मेरी आत्मा को शांति मिलेगी।आज देश लगातार संपन्नता की ओर बढ़ रहा है और खाद्यान्न के मामले में भारत न सिर्फ आत्मनिर्भर हुआ है बल्कि विदेशों में भी इसका निर्यात कर रहा है। इसके पश्चात जिलाधिकारी निखिल टी. फुंडे ने जिला चिकित्सालय पहुंचकर मरीजों के बीच फल वितरित किया और उनका हाल-चाल जाना। उन्होंने मरीज के पास जाकर उनसे दवा, नाश्ता, भोजन, टीकाकरण की जानकारी ली। उन्होंने वार्ता के क्रम में मरीजों से पूछा कि यदि किसी तरह की समस्या/शिकायत हो तो तुरंत बताएं।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं वहां उपस्थित अन्य चिकित्सकों को निर्देश दिया कि मरीजों को किसी भी तरह की समस्या नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि जिस भी मरीज के साथ अभिभावक अनुपस्थित हो उनका विशेष ख्याल रखा जाए और मरीजों की चिकित्सा में किसी भी तरह की शिथिलता न बरती जाय।