Sadhana Singh Chandauli: सड़क से संसद तक पहुंची साधना, पढ़िए चन्दौली के बेटी की पूरी कहानी

 
रिपोर्ट - चन्दन सिंह

चन्दौली। चंदौली जिले से साधना सिंह के समर्थकों में खुशी का माहौल है। आपको बता दें कि दर्शना सिंह के बाद अब साधना सिंह भी राज्य सभा में जिले की समस्या उठाएंगी। जिला मुख्यालय के बबुरी रोड निवासी पूर्व विधायक साधना सिंह ने मंगलवार को 34 मत हासिल कर राज्यसभा चुनाव में जीत हासिल की। राज्यसभा सांसद चुने जाने के बाद समर्थकों में खुशी का माहौल हैं। देर शाम रिजल्ट आने के बाद लोगों ने एक दुसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी।

मुगलसराय विधान सभा से वर्ष 2017 से 22 तक विधायक रहीं साधना सिंह का टिकट काट दिया था। 11 फ़रवरी को भाजपा ने साधना सिंह को राज्य सभा का टिकट दिया था। मंगलवार को चुनाव में जीत की घोषणा होते ही समर्थकों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई। पहले व्यापारी नेता, जिला पंचायत सदस्य और विधायक के बाद अब साधना सिंह सांसद बनी है। समर्थकों का कहना है कि दर्शना सिंह के बाद चंदौली की दूसरी महिला नेत्री राज्य सभा सदस्य बनेंगी। इससे सांसद में चंदौली की आवाज और बुलंद होगी।


पार्टी के फैसले पर जताया आभार


पार्टी के फैसले पर साधना सिंह ने कहा कि भाजपा में सभी कार्यकर्ताओं का सम्मान है। जिला मुख्यालय के बबुरी रोड निवासी साधना ने चंदौली में स्नातक की शिक्षा प्राप्त की। उनके पति छविनाथ सिंह कृषक व व्यापारी हैं। उनकी तीन संतान हैं। ज्येष्ठ पुत्र अमन सिंह जेल अधीक्षक (प्रशिक्षु) लखनऊ मुख्यालय में तैनात हैं। दूसरा बेटा नमन सिंह शिक्षा ग्रहण कर रहा। तीसरी संतान बेटी ज्योत्सना सिंह हैं।

साधना सिंह की उम्र तकरीबन 47 साल है। उनके पति का नाम छविनाथ सिंह है जो कृषक हैं। शिक्षा दीक्षा की बात करें तो इन्होंने संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी वाराणसी से 1997 में ग्रेजुएशन की शिक्षा प्राप्त की है। साधना सिंह को राज्यसभा सांसद चुने जाने के बाद उनके समर्थकों में काफी खुशी का माहौल है।

साधना सिंह राजनीति में आने से पहले व्यापारिक संगठनों से जुड़कर उनके हित के लिए काम करतीं थीं। 2017 में भाजपा ने विधानसभा चुनाव में उन्हें मुगलसराय विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। इस चुनाव में उन्होंने भारी अंतर से जीत हासिल की।


धैर्य आया काम, पार्टी ने भेजा संसद


वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उनके स्थान पर रमेश जायसवाल को उम्मीदवार बना दिया था। हालांकि टिकट कटने के बाद भी साधना सिंह ने धैर्य नहीं खोया और संगठन से जुड़कर पार्टी के लिए काम करती रहीं। उनको इसका लाभ भी मिला। भाजपा ने उन्हें राज्यसभा का टिकट दे दिया। और साधना सिंह 34 मत हासिल कर जीत गयी।


पूर्व विधायक ने बताया कि संगठन के शीर्ष नेतृत्व ने हमेशा कार्यकर्ताओं की मेहनत और निष्ठा को आत्मसात किया है। इसी के चलते उन्हें पार्टी की ओर से उन्हें राज्यसभा भेजने का फैसला किया गया है।

 

 

साधना सिंह का अब तक का सफर


साधना सिंह ने वर्ष 1993 में भाजपा की सदस्यता ली। वर्ष 2000 में जिला पंचायत सदस्य के तौर पर सकलडीहा के सेक्टर नंबर दो से निर्वाचित हुईं। वर्ष 2000 में भाजपा की जिला मंत्री और 2002 से 2008 तक महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष भी रहीं।

वर्ष 2007 में उन्हें जिला उद्योग व्यापार मंडल का जिलाध्यक्ष चुना गया। वर्ष 2011 से 2014 तक दोबारा जिला उपाध्यक्ष बनाया गया। वर्ष 2014 में बीजेपी ने उन्हें प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य के तौर पर चुना। 2016 में उन्हें फिर से कार्यसमिति सदस्य के तौर पर चुना गया। 2017 में पहली बार मुगलसराय सीट से भाजपा की विधायक चुनी गईं।