Gyanvapi survey update: ज्ञानवापी में आज सर्वे की तैयारी! काशी विश्वनाथ धाम में बढ़ी सुरक्षा, पूरा बनारस अलर्ट पर...

Gyanvapi survey update: ज्ञानवापी में आज सर्वे की तैयारी! काशी विश्वनाथ धाम में बढ़ी सुरक्षा, पूरा बनारस अलर्ट पर...

 
Gyanvapi news वही जिला प्रशासन ने आज से सर्वे की तैयारी भी कर ली है देखते हुए काशी विश्वनाथ धाम और ज्ञानवापी पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। 

Varanasi news: हाई कोर्ट ने कल यानी गुरुवार को काशी विश्वनाथ मंदिर ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई सर्वे की अनुमति दे दी थी। 

 

इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले खिलाफ दायर मुस्लिम पक्ष की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ इस पर सुनवाई करेगी।

पक्ष की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ इस पर सुनवाई करेगी।

Gyanvapi news वही जिला प्रशासन ने आज से सर्वे की तैयारी भी कर ली है देखते हुए काशी विश्वनाथ धाम और ज्ञानवापी पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।

 

आज से सात अगस्त तक काशी विश्वनाथ धाम में मोबाइल फोन ले जाने पर रोक लगा दी गई है। ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के दिन जुमे की नमाज भी होगी। इसे लेकर कमिश्नरेट क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है।

पंद्रह दिन में पूरा हो सकता है सर्वे का काम

ज्ञानवापी परिसर में शुक्रवार की सुबह एएसआई की टीम सर्वे टोपोग्राफी से ही शुरू करेगी। पहले चरण में दो से तीन दिन तक पूरे परिसर का नक्शा तैयार किया जाएगा।

उसके भौगोलिक ढांचे को समझा जाएगा। पांचवें दिन से रडार व कार्बन डेटिंग तकनीक के जरिये ज्ञानवापी के इतिहास की जानकारी जुटाने की प्रक्रिया शुरू होगी।

ज्ञानवापी परिसर का सर्वे 15 दिन में पूरा किया जा सकता है।

करीब 15 दिन तक चलने वाले सर्वे से कई हकीकत सामने आ सकती है। पता चल सकता है कि शिवलिंग जैसी आकृति स्वयंभू है या कहीं और से लाकर उसकी प्राण प्रतिष्ठा की गई थी?

विवादित स्थल की वास्तविकता क्या है? विवादित स्थल के नीचे जमीन में क्या सच दबा हुआ है? ज्ञानवापी में बने गुंबद कब बनाए गए? तीनों गुंबद कितने पुराने हैं?

इस प्रकार होगी सर्वे रिपोर्ट

वैज्ञानिक जांच में देखा जाएगा कि क्या मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद मंदिर की संरचना के ऊपर किया गया।

पश्चिमी दीवार की उम्र और प्रकृति की जांच होगी। तीन गुंबदों के ठीक नीचे सर्वे। यदि आवश्यक हो तो खोदाई करें। सभी तहखानों की जांच व उसकी सच्चाई।

 यदि आवश्यक हो तो खोदाई करें। इमारत की दीवारों पर मौजूद कलाकृतियों की सूची बनेगी। कलाकृतियों की उम्र और प्रकृति का पता लगाया जाएगा। इमारत की उम्र, निर्माण की प्रकृति का पता भी लगाया जाएगा। 

इमारत के विभिन्न हिस्सों और संरचना के नीचे मौजूद ऐतिहासिक, धार्मिक महत्व की कलाकृतियों और अन्य वस्तुओं की जांच की भी जांच होगी।

क्या है टोपोग्राफी?
टोपोग्राफी ग्रह विज्ञान की एक शाखा है। इसकी मदद से पृथ्वी या अन्य किसी ग्रह, उपग्रह या क्षुद्रग्रह की सतह के आकार व कलाकृतियों का अध्ययन किया जाता है। इसका नक्शों के निर्माण में स्थालाकृति का विशेष महत्व है।

पुलिस आयुक्त के आदेश पर गुरुवार रात तक थानावार शांति समिति की बैठकें आयोजित की गई। एसीपी व थाना प्रभारियों ने अपने क्षेत्र के प्रबुद्ध लोगों के साथ बैठकें की।

काशी विश्वनाथ धाम में मंदिर चौक तक मोबाइल ले जाने की छूट है। दर्शनार्थी गेट नंबर चार और गंगा द्वार से मंदिर चौक तक मोबाइल फोन ले जा सकते हैं। गंगा द्वार से बाढ़ के कारण प्रवेश बंद है।

गेट नंबर चार से मंदिर चौक तक जाने के लिए ज्ञानवापी मस्जिद के पास से ही गुजरना होता है। इसे देखते हुए मोबाइल पर रोक लगा दी गई है।

डीसीपी सुरक्षा सूर्यकांत त्रिपाठी ने गुरुवार शाम इस बाबत आदेश जारी कर दिया। आदेश में कहा गया है कि चार से सात अगस्त तक काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में मोबाइल फोन प्रतिबंधित रहेगा। ऐसे में श्रद्धालु मोबाइल फोन लेकर न आएं।

मैदागिन से गोदौलिया तक कड़े प्रबंध सर्वे और जुमे की नमाज के दौरान मैदागिन से गोदौलिया मार्ग पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये हैं। इस दौरान वाहनों का आवागमन बंद रहेगा।

ज्ञानवापी मस्जिद के अलावा शहर के नदेसर, हुकुलगंज, मदनपुरा, बजरडीहा, ककरमत्ता, अर्दलीबाजार, आदमपुर, जैतपुरा, सरैया, देहात क्षेत्र में लोहता, राजातालाब, मिर्जामुराद, फूलपुर आदि सभी क्षेत्रों की छोटी-बड़ी मस्जिदों पर नमाज के दौरान कड़ी निगरानी रखी जाएगी। किसी भी तरह के जुटान पर कार्यवाही की जाएगी।

किसी पक्ष की ओर से लामबंदी या भीड़ इकट्ठा कर किसी भी तरह के शरारत पर कार्रवाई की जाएगी। अफवाह फैलाने वालों पर भी पुलिस नजर रखेगी।

सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ा दी गई है। खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। हर छोटी-बड़ी घटनाओं की जानकारी ली जा रही है।

जिला और पुलिस प्रशासन की टीम सर्वे में मदद करेगी

इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) विभाग शुक्रवार यानी आज से ज्ञानवापी परिसर का सर्वे शुरू करने जा रहा है।

जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने गुरुवार को बताया कि दिल्ली एएसआई के अधिकारियों ने प्रशासन से सर्वे के बाबत मदद मांगी है। पुलिस व जिला प्रशासन की और से हर संभव सहयोग किया जाएगा।

बता दें कि जिला जज की अदालत के आदेश पर 24 जुलाई को एएसआई टीम ने वुजूखाना को छोड़कर सम्पूर्ण ज्ञानवापी परिसर में सर्वे शुरू किया था।

इसी दरम्यान मुस्लिम पक्ष की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाते हुए हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया।

करीब पांच घंटे सर्वे चलने के बाद रुक गया था। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद गुरुवार की सुबह जिला जज की अदालत के एएसआई सर्वे को जारी रखने का आदेश दिया है।

आदेश आते ही डीएम एस राजलिंगम व पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन ने बैठक कर सर्वे के दौरान सुरक्षा आदि पर चर्चा की।

सीपी ने तत्काल ज्ञानवापी का निरीक्षण किया और सुरक्षा बढ़ा दी गई। उधर, एएसआई अधिकारियों ने डीएम से सम्पर्क कर शुक्रवार से सर्वे शुरू करने की जानकारी दी। डीएम ने बताया कि सर्वे के दौरान ज्ञानवापी का सुरक्षा प्लान तैयार कर लिया गया है।

उधर, अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती ने उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के काल खंड में जब गुलामी के चिह्न मिट रहे हैं, तो काशी में ज्ञानवापी के माथे पर लगे गुलामी के चिह्न को एएसआई का सर्वे मिटाने में सक्षम होगा।

हाईकोर्ट का फैसले आने के बाद अंजुमन इंतजामिया मसाजिद समिति ने इस बार सर्वे में शामिल होने का निर्णय लिया है।

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद समिति के संयुक्त सचिव एमएस यासीन ने कहा कि कोर्ट के आदेश के अनुपालन में समिति के पदाधिकारी व अधिवक्ता सर्वेक्षण के दौरान मौजूद रहेंगे।

बता दें कि 24 जुलाई को अंजुमन ने सर्वे का विरोध करते हुए इसमें शामिल नहीं हुए थे।

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