Mukhtar Ansari Death: नहीं रहे माफिया डॉन मुख्तार अंसारी, 60 साल की उम्र में हार्ट अटैक से निधन

 

Mukhtar Ansari Death: बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी का निधन हो गया है। जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दुर्गावती मेडिकल कॉलेज लाया गया था। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि बैरेक में मुख्तार अंसारी अचानक बेहोश होकर गिर गया था। मंगलवार की अपेक्षा आज मुख्तार अंसारी की हालत ज्यादा खराब है। सूत्रों के अनुसार उसे हार्ट अटैक आया है। इससे पहले मंगलवार को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, उसे स्टूल सिस्टम की समस्या थी। 14 घंटे ICU में रखकर इलाज किया गया था। बता दें,  मुख्तार ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि उसे जेल में धीमा जहर दिया जा रहा है।


डॉक्टर के सामने बिगड़ी थी मुख्तार की तबीयत

बताया जा रहा है कि जेल में डॉक्टर के सामने भी उसकी स्थिति ठीक नहीं थी। उसे उल्टी हुई और पुराने डॉक्टर को  बुलाया गया। इसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। शुरुआती स्टेज पर डॉक्टर को हार्ट अटैक जैसी स्थिति लगी। इसके बाद सिचुएशन कंट्रोल न होने पर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। मुख्तार की हालत नाजुक बनी हुई है, डॉक्टरों की पूरी टीम मुख्तार अंसारी के इलाज में लगाई गई है।

मेडिकल चेकअप के दौरान मुख्तार अंसारी का दो बार पेट का एक्सरे किया गया था। साथ ही ब्लड सैंपल कलेक्ट किए थे। जिसमें उसकी सुगर, CBC, LFT (लिवर फंक्शन टेस्ट), इलेक्ट्रोलाइट (सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम) की जांच कराई गई थी। रिपोर्ट नॉर्मल आने के बाद उसे डिस्चार्ज कर वापस बांदा जेल भेज दिया गया था।जेल डीसी एसएन साबत ने बताया कि मुख्तार अंसारी रोजा रखता था। गुरुवार को रोजा रखने के बाद उसके बाद उसकी तबीयत खराब हुई है।

बांदा में बढ़ाई गई पुलिस की सुरक्षा

बांदा में पुलिस सुरक्षा बढ़ाई गई। डीएम, एसपी समेत जिले की फोर्स को मेडिकल कॉलेज पर बुलाया गया है। साथ ही डीजीपी मुख्यालय ने सतर्कता बरतने के दिये निर्दश दिए गए हैं। बांदा के साथ-साथ यूपी के सभी जिलों में सतर्कता बढ़ाई गई। लखनऊ कानपुर से लेकर मऊ गाजीपुर में सभी जिलों के कप्तान को सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए गए। संवेदनशील इलाकों में पुलिस फोर्स के पेट्रोलिंग बढ़ाने के भी आदेश दिए गए हैं।

जेल में मुख्तार को आया हार्ट अटैक

मंगलवार को मुख्तार के परिजन उससे मिलने मेडिकल कॉलेज आए थे। सिर्फ अफजल अंसारी ही उससे मिल पाया था। जिसके बाद उमर अंसारी ने लोक प्रशासन सहित सरकार पर जेल में मारने के गंभीर आरोप लगाए थे, सुरक्षा पर सवाल खड़े किए थे। खुद मुख्तार ने भी जेल प्रशासन पर खुद को खाने में स्लो पॉइजन देने के आरोप लगाया था। फिर तबियत खराब होने के बाद उसे दुर्गवावती मेडिकल कॉलेज भेजा गया था। जहां उसकी सभी रिपॉर्ट नॉर्मल आई थी इसके बाद उसे वापस बांदा जेल भेज दिया था।