सामाजिक मनोविज्ञान से क्या अभिप्राय है? सामाजिक मनोविज्ञान के दृष्टिकोण की व्याख्या कीजिये...

What is meant by social psychology? Explain the approach of social psychology...

 
What is meant by social psychology? Explain the approach of social psychology...

 

सामाजिक मनोविज्ञान एक विज्ञान है जो मानव सामाजिक और मानसिक प्रक्रियाओं का अध्ययन करता है। इसका अभिप्राय होता है व्यक्ति और समाज के बीच संबंधों, सामाजिक संगठन, सामाजिकीकरण, सामाजिक मनोविज्ञानिक संशोधन और सामाजिक समस्याओं के अध्ययन के माध्यम से समाज की समझ बढ़ाना है।

 

सामाजिक मनोविज्ञान का व्याख्यातात्मक दृष्टिकोण सामाजिक संगठनों, व्यक्तियों, समाज के मान्यताओं, अनुशासन, व्यवहार और मनोवैज्ञानिक प्रक्रियाओं को समझने का प्रयास करता है। यह मानव स्वभाव, व्यक्तित्व, संघटना, सामाजिक संबंध, ग्रुप द्याँग, सामाजिक आदान-प्रदान, संघर्ष, सामाजिक विचारधारा, भावनात्मकता, भाषा, समुच्चय, संगठन, सामाजिक विश्लेषण, व्यवहारिक मनोवैज्ञानिक अभिप्रेतियाँ और समाजशास्त्रीय समस्याओं का अध्ययन करता है।

इसका आद्यात्मिक लक्ष्य सामाजिक विज्ञान के माध्यम से मानव समाज की समझ बढ़ाना है, ताकि हम समाज के कार्यों, प्रवृत्तियों, मान्यताओं और संघटनाओं को समझ सकें। इससे हमें सामाजिक समस्याओं को समझने, उनके कारणों को खोजने और संभवतः उन्हें समाधान करने के लिए संभावित उपायों का विचार करने में मदद मिलती है। सामाजिक मनोविज्ञान से प्राप्त ज्ञान के आधार पर हम सामाजिक बदलावों को प्रोत्साहित कर सकते हैं और समाज में सामाजिक सुधार की प्रक्रिया में योगदान कर सकते हैं।

सामाजिक मनोविज्ञान का दृष्टिकोण एक अव्यवसायिक और व्यापारिक दृष्टिकोण होने के साथ-साथ, यह सामाजिक न्याय, सामाजिक समानता, मानवाधिकार, विचारधारा, जाति, लिंग, धर्म, संघटना, शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास, मानसिक स्वास्थ्य, संगठनात्मक विकास, व्यक्तिगत विकास, परिवार और अन्य विषयों में भी लागू होता है।

इसलिए, सामाजिक मनोविज्ञान एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है जो हमें समाज के अवधारणाओं, प्रवृत्तियों और समस्याओं को समझने में मदद करता है और समाजिक प्रगति के लिए संभावित नीतियों और उपायों को सुझाता है।

 

सामाजिक मनोविज्ञान के दृष्टिकोण:

1. समाज की समझ और विश्लेषण:
सामाजिक मनोविज्ञान के माध्यम से हम समाज की समझ और विश्लेषण कर सकते हैं। इससे हमें समाज के भीतर विभिन्न प्रवृत्तियों, संगठनों, संघर्षों और विचारधाराओं को समझने में मदद मिलती है। हम सामाजिक संगठनों, व्यक्तित्व के तत्वों, सामाजिक संबंधों और भावनाओं को अध्ययन करके इस दृष्टिकोण को विकसित कर सकते हैं।

2. सामाजिक समस्याओं का अध्ययन:
सामाजिक मनोविज्ञान में हम सामाजिक समस्याओं का अध्ययन करते हैं और उनके कारणों, प्रभावों और संभवतः समाधान के उपायों का विचार करते हैं। इससे हम उच्चतर स्तर पर समाज के लिए नीतियाँ और कार्ययोजनाएं तैयार कर सकते हैं। यह हमें सामाजिक अध्ययनों, लोगों के साथीदारी, ग्रुप द्याँग, सामाजिक संघर्ष और सामाजिक न्याय के बारे में भी जागरूक करता है।

3. व्यक्तिगत और सामाजिक विकास:

सामाजिक मनोविज्ञान व्यक्तिगत और सामाजिक विकास के माध्यम से सामाजिक संगठनात्मक प्रक्रियाओं की समझ में मदद करता है। यह हमें व्यक्तिगतता, परिवार, सामाजिक संबंध, भाषा, सामाजिक संगठन, विश्लेषण और संगठनात्मक विकास के माध्यम से सामाजिक प्रगति के लिए उपाय सुझा सकता है।

4. सामाजिक न्याय और समानता:
सामाजिक मनोविज्ञान मानवीय समानता और सामाजिक न्याय के अध्ययन को भी सम्मिलित करता है। यह हमें जाति, लिंग, धर्म, राजनीतिक संरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य और मानवाधिकार के मामले में सामाजिक न्याय के प्रतिशोध के बारे में सोचने में मदद करता है।

यह सामाजिक मनोविज्ञान के दृष्टिकोणों का संक्षेपित विवरण है, जो सामाजिक मनोविज्ञान के महत्वपूर्ण पहलुओं को समझने में मदद करेगा। यह हमें समाज की समझ बढ़ाने, समाजिक समस्याओं को समझने और समाज में सुधार की प्रक्रिया में योगदान करने के लिए अवसर प्रदान करता है।