Education Minister Dharmendra Pradhan;शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का बड़ा एलान- वसंत पंचमी से आपको पढ़ाया जाएगा भारत का बदला हुआ इतिहास

Education Minister Dharmendra Pradhan;शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का बड़ा एलान- वसंत पंचमी से आपको पढ़ाया जाएगा भारत का बदला हुआ इतिहास

 
Education Minister Dharmendra Pradhan Education Minister Dharmendra Pradhan's big announcement - You will be taught the changed history of India from Basant Panchami

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का बड़ा एलान- वसंत पंचमी से आपको पढ़ाया जाएगा भारत का सही इतिहास

 26 जनवरी 2023, बसंत पंचमी से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) के तहत देश भर के छात्रों को भारतीय इतिहास का सही संस्करण पढ़ाया ( corrected version of Indian history) जाएगा।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आने वाले नए साल में वसंत पंचमी से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत देश भर के छात्रों को भारतीय इतिहास का सही संस्करण पढ़ाया जाएगा. इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है. प्रधान बिहार के सासाराम जिले के जमुहार में गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय में भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद और आरएसएस से संबद्ध अखिल भारतीय इतिहास संकल्प योजना द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे .

उन्होंने कहा, ‘आज भारत में मातृभाषा को प्राथमिकता देने से लेकर पढ़ाई के लिए 200 टीवी चैनल, डिजिटल यूनिवर्सिटी जैसे प्रयास हो रहे हैं। इतिहासकारों को इनके लिए ज्ञानवर्धक, वैज्ञानिक सामग्री तैयार करना होगा। हमें 21वीं सदी में भारत की प्राचीन संस्कृति और सभ्यता को एक नया वैश्विक परिप्रेक्ष्य देना चाहिए।


पुस्तकों को नई रचनाओं के साथ फिर से प्रकाशित किया केंद्रीय मंत्री प्रधान ने कहा कि पुस्तकों को नई रचनाओं के साथ फिर से प्रकाशित किया जा रहा है और ये पुस्तकें दुनिया को भारत के बारे में स्पष्टता प्रदान करेंगी. देश भर के छात्रों को वसंत पंचमी के अवसर पर 26 जनवरी, 2023 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत भारतीय इतिहास का सही संस्करण पढ़ाया जाएगा. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमें हमारे सही इतिहास, भाषाओं और संस्कृति को समझने के कई अवसर प्रदान करेगी.

और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा को प्राथमिकता दी गई है. मातृभाषा को प्राथमिकता दिए बिना शिक्षा प्रदान करना व्यर्थ है. प्रधान ने कहा कि हमें 21वीं सदी में भारत की प्राचीन संस्कृति और सभ्यता को एक नया वैश्विक परिप्रेक्ष्य देना चाहिए. नई रचनाओं के साथ पुस्तकें पुनः प्रकाशित हो रही हैं. ये किताबें दुनिया को भारत के बारे में स्पष्टता देंगी. ये किताबें डिजिटल मोड में भी उपलब्ध होंगी.