Indian Railway: ट्रेन का सफर हुआ सस्ता, अब Sleeper Class के दाम में मिलेगा AC का टिकट

Indian Railways: Train travel has become cheaper, now AC tickets will be available at the price of Sleeper Class

 
Indian Railways: Train travel has become cheaper, now no Sleepr Class, people will get cheap 3RD AC tickets

3RD AC  इकोनामी के बारे में समझिए.


थर्ड एसी के किराए से भी कम किराए पर थर्ड एसी से भी ज्यादा बढ़िया सहूलियत और सुविधाओं के साथ नया एसी क्लास भारतीय रेलवे की तरफ से तैयार किया गया है और इसे कई प्रमुख इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेनों में लगाया गया है । कम खर्चे में और स्लीपर क्लास के टिकट के दाम से थोड़े ऊपर कीमत पर इस क्लास में आसानी से सफर किया जा सकता है और सुविधाओं में भी किसी भी प्रकार की कटौती किए बगैर गर्मी का सफर आसान किया जा सकता है ।

 

गर्मियों के दिनों की शुरुआत होने के साथ ही लोग अब स्लीपर क्लास में सफर करने से कतराते हैं और वातानुकूलित डब्बू में सफर करने की कोशिश करते हैं । ऐसे लोगों के लिए रेलवे की तरफ से खुशखबरी है । भारतीय रेलवे जल्द ही अपने थर्ड एसी इकोनॉमी श्रेणी को लगभग सारी ट्रेनों में उपलब्ध कराना शुरू कर देगा । आइए विशेष रूप से जानते हैं थर्ड एसी इकोनामी के बारे में.

 

आपको बता दें देशभर में रेलवे अब नए एक्सपेरिमेंट कर रही है और इसका मुख्य रूप से उद्वेश्य भारतीय यातायात को एक नई गति देना है और साथ ही साथ लोगों को हर मौसम में बढ़िया से बढ़िया सहूलियत भी उपलब्ध कराना ही है । इसी क्रम में भारत वंदे मातरम् भारत एक्सप्रेस ट्रेन का भी परिचालन कर रहा है और भी कई हाई स्पीड ट्रेनों का संचालन लगातार तैयार किया जा रहा है ।

 

3RD  इकोनॉमी कोच से रेलवे की कमाई


3RD इकोनॉमी कोच से पहले ही साल में रेलवे ने 231 करोड़ रुपये की कमाई की थी. आंकड़ों के मुताबिक केवल अप्रैल-अगस्त, 2022 के दौरान इस इकोनॉमी कोच से 15 लाख लोगों ने यात्रा की और इससे 177  करोड़ रुपये की कमाई हुई थी. इससे ये भी साफ है कि इन कोच की शुरूआत से सामान्य एसी-3 श्रेणी से होने वाली कमाई पर कोई असर नहीं पड़ा. इसलिए रेलवे ने अब एसी थ्री इकोनॉमी का किराया और कम कर दिया है.

 

पिछले साल बढ़ा था इस कोच का किराया

जानकारी के मुताबिक, पिछले साल रेलवे बोर्ड ने एक कमर्शल सर्कुलर (Commercial Circular) जारी किया था, जिसमें एसी थ्री इकोनॉमी कोच और एसी थ्री कोच का किराया बराबर कर दिया था। हालांकि, पहले इकोनॉमी कोच में कंबल और चादर नहीं दी जाती थीं, लेकिन पिछले साल यह सुविधा यात्रियों को मिलने लगी। 21 मार्च को रेलवे ने एक सर्कुलर जारी कर पुरानी व्यवस्था को बहाल करने का फैसला लिया है।

 

बर्थ की चौड़ाई होती है कम

रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि एसी थ्री कोच में बर्थ की संख्या 72 होती है, जबकि एसी थ्री इकोनॉमी में बर्थ की संख्या 80 होती है। ऐसा इसलिए हो पाता है, क्योंकि एसी थ्री कोच की अपेक्षा एसी थ्री इकोनॉमी कोच के बर्थ की चौड़ाई थोड़ी कम होती है। सर्कुलर के मुताबिक किराया कम होने के साथ ही इकोनॉमी कोच में पहले ही तरफ कंबल और चादर देने की व्यवस्था लागू रहेगी।