UGC की नई गाइडलाइन, अब बिना PhD बन सकेंगे प्रोफेसर

UGC's new guideline, now you can become professor without PhD

 
UGC की नई गाइडलाइन, अब बिना PhD बन सकेंगे प्रोफेसर

विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर पदों भर भर्ती के लिए तैयारी करने वालों के लिए अच्छी खबर है.

 

 

दरअसल, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष प्रो. एम जगदीश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के पदों पर भर्ती के लिए पीएचडी अनिवार्य नहीं है. यूजीसी राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) में योग्यता पर्याप्त होगी.

ऐसे में देश के विश्वविद्यालयों में पढ़ाने का ख्वाब देख रहे युवाओं के लिए राहत भरी खबर है. अब विश्वविद्यालयों में पढ़ाने के लिए पीएचडी की डिग्री अनिवार्य नहीं होगी. 

उस्मानिया विश्वविद्यालय (ओयू) परिसर में नवनिर्मित यूजीसी-एचआरडीसी भवन का उद्घाटन करने वाले यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि एक देश-एक डेटा पोर्टल विकसित किया जा रहा है, जिसमें यूजीसी के सभी दिशानिर्देश और अन्य विवरण होंगे.

प्रोफेसर कुमार ने कहा कि पारंपरिक मोड में शिक्षाविदों के साथ-साथ अगले शैक्षणिक वर्ष से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सीधे राष्ट्रीय डिजिटल विश्वविद्यालय के माध्यम से छात्रों तक पहुंचाई जाएगी.

तेलंगाना स्टेट काउंसिल ऑफ हायर एजुकेशन के चेयरमैन प्रो. आर लिंबाद्री ने कहा कि नया भवन ओयू में मौजूदा बुनियादी ढांचे के लिए एक बढ़िया अतिरिक्त है और यह देश भर में उच्च शिक्षा में शिक्षण बिरादरी में बहुत योगदान देगा.

ओयू के कुलपति प्रो. डी रविंदर ने विश्वविद्यालय की पहल और प्रगति के बारे में बताया और कहा कि महिला संकाय सदस्यों के लिए 50 प्रतिशत प्रशासनिक पद निर्धारित किए गए हैं.

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प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में कहा- शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की नई योजना शुरू की जाएगी। रोजगार एवं पंजीयन केन्द्र में रजिस्टर्ड कक्षा 12वीं पास 18 से 35 वर्ष के युवा, जिनके परिवार की वार्षिक आय 2 लाख 50 हजार से कम होगी, उन्हें अधिकतम 2 वर्ष तक 2500 रुपए प्रति माह की दर से बेरोजगारी भत्ता प्रदान करने की घोषणा करता हूं।

इसके लिए 2 सौ 50 करोड़ का नई मद में प्रावधान रखा गया है।

मुख्यमंत्री की इन बातों से प्रदेश के बेरोजगारों की उम्मीदें बढ़ी हैं। लाखों युवाओं में खुशी भी है कि उन्हें हर महीने 2500 रुपए की मदद सरकार से बेरोजगारी भत्ते के रूप में मिलेगी। ये भत्ता कब से मिलेगा, कैसे मिलेगा, क्या नियम होंगे, किसे नहीं मिलेगा ये सब कुछ पढ़िए इस रिपोर्ट में।

बेरोजगारी भत्ते से जुड़े हर सवाल का जवाब दैनिक भास्कर के पाठकों को दे रहे हैं छत्तीसगढ़ सरकार के तकनीकी शिक्षा और रोजगार विभाग के सचिव टोपेश्वर वर्मा।

कब से मिलेगा बेरोजगारी भत्ता ?
रोजगार विभाग के सचिव टोपेश्वर वर्मा ने बताया 1 अप्रैल से प्रदेश के शिक्षित बेरोजगारों के 2500 रुपए हर महीने भत्ता देने की स्वीकृति मिल चुकी है। इसका आदेश जारी किया गया है। इसकी जानकारी प्रदेश के मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री सचिवालय, राज्यपाल के सचिव और प्रदेश के सभी रोजगार अधिकारियों को भेज दी गई है।

बेरोजगारी भत्ते के लिए नियम क्या है ?

  • इस योजना के तहत शिक्षित बेरोजगार युवा को एक साल के लिए भत्ता मिलेगा। अगर एक साल में नौकरी न मिले तो एक साल के लिए भत्ते की अवधिक को बढ़ाया जा सकता है। मगर किसी भी प्रकरण में ये अवधि दो साल से अधिक नहीं होगी।
  • आवेदक को छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना जरूरी है
  • उम्र 18 से 35 साल होनी चाहिए
  • कम से कम 12वीं पास होना जरूरी है
  • जिला रोजगार एवं स्वरोजगार केंद्र में पंजीकृत हों, या रोजगार पंजीयन दो साल पुराना हो
  • आवेदक की आय का कोई स्त्रोत न हो, परिवार की कुल आय 2 लाख 50 हजार सालाना हो इससे अधिक नहीं चलेगा, परिवार से मतलब पति, पत्नी या माता-पिता से है।

किसे नहीं मिलेगा बेरोजगारी भत्ता

  • एक परिवार से एक ही व्यक्ति को बेरोजगारी भत्ता मिलेगा, किसी परिवार में अगर एक शख्स को भत्ता मिल रहा है तो दूसरा अपात्र हो जाएगा।
  • परिवार में अगर किसी की ग्रुप डी या चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नौकरी छोड़कर इसके अलावा अन्य स्तर पर सरकारी नौकरी है तो भत्ता नहीं मिलेगा।
  • किसी आवेदक को स्वरोजगार, सरकारी या प्राइवेट नौकरी का ऑफर है और आवेदन ऑफर स्वीकार नहीं करता है तो आवेदक को भत्ता नहीं मिलेगा।
  • पूर्व,वर्तमान मंत्री, राज्य मंत्री, सांसद, पूर्व या वर्तमान विधायक, निगम के पूर्व या वर्तमान महापौर, जिला पंचायत के पूर्व वर्तमान अध्यक्ष के परिवार के सदस्य को बेरोजगारी भत्ता नहीं मिलेगा।
  • पेंशन भोगी जो 10 हजार रुपए या उससे ज्यादा की मासिक पेंशन हासिल करते हैं उसके परिवार के सदस्य को भत्ता नहीं मिलेगा।
  • असेसमेंट ईयर में इनकम टैक्स भर चुके परिवार के सदस्य को भत्ता नहीं मिलेगा
  • इंजीनियर, डॉक्टर, वकील, CA, आर्किटेक्ट के परिवार से ताल्लुक रखने वालों को भत्ता नहीं मिलेगा।

कैसे मिलेगा बेरोजगारी भत्ता ?

  • बेरोजगारी भत्ते पूरी योजना की जानकारी रोजगार विभाग पंचायत विभाग और नगरीय प्रशासन विभाग की वेबसाइट पर होगी।
  • जनपद पंचायतें, नगर निगम, नगर पालिका पूरा रिकॉर्ड मेंटेन करेंगे, ग्रामीण इलाके में जनपद पंचायत, शहरी इलाके में नगर पालिका या नगर निगम में आवेदन होंगे।
  • ये नगरीय निकाय या ग्रामीण संस्थाएं ही परीक्षण करेंगी कि आवेदक भत्ते के लिए पात्र है नहीं यही संस्थाएं भत्ता स्वीकृत करेंगी।
  • जिन आवेदकों को जनपद, नगर निगम, नगर पालिका स्वीकृत करेंगे, उनको रोजगार विभाग भत्ते की राशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजेगा।
  • भत्ता लेने वाले को रोजगार मिलने पर इसकी जानकारी देनी होगी। फिर नगरीय निकाय की मदद से भत्ता देना बंद कर दिया जाएगा।
  • हर 6 महीने में भत्ता हासिल करने वालों की जांच होगी कि कहीं उनकी नौकरी तो नहीं लगी।
  • भत्ता लेने वालों को स्वरोजगार के लि कौशल विकास की ट्रेनिंग दी जाएगी। अगर वो ट्रेनिंग में भाग लेने से इनकार करते हैं तो उनका भत्ता बंद कर दिया जाएगा।

रोजगार कार्यालय में कितने लोग रजिस्टर्ड


इसी विधानसभा सत्र में 11 दिन पहले सरकार से अपने लिखित सवाल में विधायक रजनीश सिंह ने पूछा है कि प्रदेश में कितने बेरोजगार पंजीकृत हैं ?

उच्च शिक्षा मंत्री से सवाल करते हुए पूछा है कि प्रदेश में कितने रोजगार चाहने वाले या शिक्षित बेरोजगार पंजीकृत हैं।

इनमें से कितने लोगों को शासकीय या निजी क्षेत्रों में रोजगार मिला ?

इस सवाल के लिखित जवाब में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने जानकारी दी, कि जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र की ओर से बेरोजगारों का पंजीयन नहीं किया जाता, बल्कि रोजगार चाहने वाले व्यक्तियों का रजिस्ट्रेशन किया जाता है।

पंजीकृत व्यक्तियों को 3 वर्ष तक रखा जाता है। 7 फरवरी 2023 की स्थिति में 18 लाख 79,126 लोग रजिस्टर्ड हैं। 2019 से अभी तक कुल 33,333 लोगों को सरकारी क्षेत्रों में और 50,725 लोगों को निजी क्षेत्र में नौकरी दी जा चुकी है ।