क्या आपको भी है कालसर्प दोष? तो इस शिवरात्रि करें ये उपाए, मिलेगा कालसर्प दोष से छुटकारा

Do you also have Kalsarp Dosh? So do these remedies this Shivratri, you will get rid of Kalsarp Dosh


 
Do you also have Kalsarp Dosh? So do these remedies this Shivratri, you will get rid of Kalsarp Dosh

 महाशिवरात्रि का पर्व इस साल 18 फरवरी 2023 को है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था। सनातन परंपरा में शिव साधना के लिए महाशिवरात्रि को अत्यंत ही शुभ और शीघ्र फलदायी माना गया है।

 

 यही कारण है कि भोले के भक्त इस पर्व का पूरे साल इंतजार करते हैं। भगवान भोलेनाथ को देवो के देव महादेव भी कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि महाशिवरात्रि दिन से ही सृष्टि का प्रारंभ हुआ था।

 

गरुड़ पुराण, स्कन्द पुराण, पद्मपुराण और अग्निपुराण आदि में शिवरात्रि का वर्णन मिलता है। कहते हैं शिवरात्रि के दिन जो व्यक्ति बिल्व पत्तियों से शिव जी की पूजा करता है और रात के समय जागकर भगवान के मंत्रों का जाप करता है,

उसे भगवान शिव आनन्द और मोक्ष प्रदान करते हैं। पंचांग के अनुसार इस साल महाशिवरात्रि के पर्व के साथ शनि प्रदोष और सर्वार्थ सिद्ध का भी सुखद संयोग बन रहा है।

ऐसे में इसका न सिर्फ धार्मिक बल्कि ज्योतिषीय महत्व भी बढ़ गया है। आइए महाशिवरात्रि पर कालसर्प दोष मुक्ति से जुड़े अचूक उपाय जानते हैं। 

 

कब बनता है कालसर्प दोष?
 

यदि जातकों की कुंडली में राहु और केतु के बीच में ग्रह आ जाएं तो यह दोष काल सर्प दोष कहलाता है। काल सर्प दोष कई प्रकार के होते हैं जैसे अनंत काल सर्प दोष, कुलिक काल सर्प दोष, शेषनाग दोष, विषधर दोष आदि। काल के नाम पर राहु का चयन किया जाता है।

ज्योतिष शास्त्र में राहु को सांप का मुंह और केतु को सांप की पूंछ माना गया है।

 

विवाह पर काल सर्प दोष प्रभाव


काल सर्प दोष का प्रभाव जातक के विवाह पर तब पड़ता है जब केतु सप्तम भाव में और राहु प्रथम भाव में हो। काल सर्प दोष के कारण वैवाहिक जीवन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है और वैवाहिक जीवन कमजोर हो जाता है।

यह व्यावहारिक जीवन को कठिन बनाते हुए जोड़ों के बीच कई समस्याएं और तनाव पैदा करता है।

शिव पूजा से मिलेगी कालसर्प दोष से मुक्ति


यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष आपके तमाम कष्टों का कारण बन रहा है तो आपको इस महाशिवरात्रि पर इससे बचने के लिए भगवान शिव की पूजा का सरल उपाय जरूर करना चाहिए।  

  • यदि कोई व्यक्ति महाशिवरात्रि पर यदि उज्जैन स्थित महाकालेश्वर या फिर नासिक स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग या फिर प्रयागराज स्थित तक्षकेश्वर महादेव मंदिर में विधि-विधान से पूजा और रुद्राभिषेक करवाता है तो उसे कुंडली से जुड़े इस दोष से मुक्ति मिल जाती है।  

  • कालसर्प दोष से बचने के लिए महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा चढ़ाएं। 
  • महाशिवरात्रि के दिन से महा मृत्युंजय मंत्र का जाप दिन में दो बार  करें।

  • महाशिवरात्रि के दिन 'ॐ नागकुलाय विद्महे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प प्रचोदयात' का जाप करें।

  • महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर दूध और जल चढ़ाकर रुद्र-अभिषेक जरूर करें। 

  • महाशिवरात्रि के साथ कालसर्प दोष पीड़ित व्यक्ति को नाग पंचमी का व्रत भी करना चाहिए ताकि काल सर्प दोष के नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सके।