Chandauli News: चन्दौली के इरफान ने संस्कृत बोर्ड परीक्षा में किया टॉप, बोला उर्दू से ज्यादा संस्कृत पसंद

Chandauli News: Chandauli's Irfan topped the Sanskrit board exam, said he prefers Sanskrit more than Urdu
 
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उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा बोर्ड ने 10वीं, 12वीं का रिजल्ट जारी कर दिया है. छात्र आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं. सलाउद्दीन खुश हैं कि उनके बेटे इरफान ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद बोर्ड की उत्तर मध्यमा-II (कक्षा 12) की परीक्षा में टॉप किया है. 17 साल के इरफान ने 82.71 फीसदी अंक हासिल कर 80.57 फीसदी अंक हासिल करने वाली गंगोत्री देवी को पछाड़कर पहला स्थान हासिल किया है.

बेहद साधारण परिवार- यूपी के चदौली के रहने वाले इरफान जितने ही सामान्य परिवार से हैं उनके सपने उससे कहीं अधिक बड़े हैं। वो संस्कृत में शास्त्री और पीएचडी भी करना चाहते हैं। इरफान के माता-पिता सामान्य परिवार से संबंध रखते हैं इरफान के पिता सलाउद्दीन जहां खेती बाड़ी का काम करते हैं। वहीं मां असगरी भी घरों में जाकर काम करती है। इरफान ने आठवीं तक की पढ़ाई उर्दू से की है लेकिन उसका हमेशा से संस्कृत से पढ़ने काम मन था। जिसके बाद उसने इंटर की पढ़ाई के लिए संस्कृत में एडमिशन लिया। उनके पिता ने बताया कि वो कहता है कि उसे संस्कृत बहुत पसंद है उर्दू से ज्यादा वो संस्कृत पसंद करता है।

उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा बोर्ड ने 10वीं, 12वीं का रिजल्ट जारी कर दिया है. छात्र आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं. सलाउद्दीन खुश हैं कि उनके बेटे इरफान ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद बोर्ड की उत्तर मध्यमा-II (कक्षा 12) की परीक्षा में टॉप किया है. 17 साल के इरफान ने 82.71 फीसदी अंक हासिल कर 80.57 फीसदी अंक हासिल करने वाली गंगोत्री देवी को पछाड़कर पहला स्थान हासिल किया है.

बेटे की कामयाबी से पिता उत्साहित-बेटे की कामयाबी से उनके पिता सलाउद्दीन काफी उत्साहित हैं वो अपने बेटे के सपने को पूरा करने में पूरी मदद कर रहे हैं। वो कहते हैं भाषा का कोई धर्म नहीं होता फिर संस्कृत तो भारत की प्राचीन भाषा है, इसलिए इसे हर किसी को पढ़ना चाहिए। संस्कृत पढ़ने वालों को भी नौकरी के खूब अवसर मिलते हैं। मेरा बेटा भी संस्कृत से आचार्य और शास्त्री  की पढ़ाई करके शिक्षक बनेगा। मुस्लिम होने के बावजूद भी संस्कृत पढ़ने में मेरे बेटे की उसके शिक्षकों ने खूब मदद की है उसी का नतीजा है कि उसने पूरे प्रदेश में टॉप किया है।

इस दौरान इरफान के पिता ने ये भी बताया कि उनका बेटा आगे भी संस्कृत में पढ़ाई करना चाहता है. और इसके लिए वो आगे भी उसे नहीं रोकेंगे.

कहते हैं भाषा का कोई धर्म नहीं होता इसी को सच कर दिखाया है यूपी के होनहार छात्र  इरफान ने, जो आजकल सुर्खियों में हैं। इनके चर्चा में रहने की वजह भी जान लीजिए.. इरफान ने उत्तर प्रदेश संस्कृत माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में पूरे प्रदेश में टॉप किया है। इरफान को संस्कृत बोर्ड में 82.71% अंक मिले हैं।

4 साल में 100 मुस्लिम लड़कों ने की संस्कृत की पढ़ाई- विद्यालय के प्रधानाचार्य के मुताबकि हमारे विद्यालय से पिछले 4 सालों से 100 से अधिक मुस्लिम लड़के पढ़ाई करके निकले हैं। अब  समय बदल रहा है यहां लगातार मुस्लिम बच्चों की संख्या संस्कृत विषय में एडमीशन लेने के लिए बढ़ रही है। आपको बता दे कि इस साल उत्तर प्रदेश संस्कृत माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के उत्तर मध्यमा यानी  इंटरमीडिएट में पूरे प्रदेश में कुल 13738 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी जिनमें से 12243 परीक्षार्थी पास हुए हैं। संस्कृत माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में संस्कृत अनिवार्य विषय है।

12वीं में मुस्लिम छात्र इरफान ने टॉप किया है.17 साल के इरफान ने 82.71 फीसदी अंक हासिल कर 80.57 फीसदी अंक हासिल करने वाली गंगोत्री देवी को पछाड़कर पहला स्थान हासिल किया है.