प्रेम विवाह करने पर जिस पिता ने जिंदा बेटी का छपवाया था शोक संदेश कार्ड, पिता ने ही तय कराया था रिश्ता

एक लड़की ने परिवार की संतानी और समाज की उम्मीदों के खिलाफ जाकर लव मैरिज की थी। इस हकीकत से परिजन बहुत नाराज हुए और उनका विरोध सामाजिक रूप से व्यक्त करने के लिए उन्होंने तेरहवीं का कार्ड छपवाया। इसे देखकर लड़की के पिताजी ने उदास और दुखी होकर 13 जून को एक मृत्यु भोज का आयोजन किया और अपने दर्द को व्यक्त किया।
यह सब मुद्दे उस समय उठने लगे थे जब रतनपुरा रहने वाले नारायण लाल ने अपनी बेटी की सगाई नजदीकी गांव दांथल में कमलेश जाट के साथ करवाई थी। लेकिन दोनों परिवारों के बीच मतभेद हो गया और सगाई टूट गई।
इसके बाद भी, प्रिया और कमलेश ने एक दूसरे के साथ प्यारी रिश्ता बनाए रखा और मिलते जुलते रहे। इस दौरान प्रिया के पिता ने कई शुभचिंतकों को देखाया, लेकिन उसने शादी के बारे में बात टाली, दावा करती हुई कि उसे पढ़ाई करनी है।
फिर, 17 मई को प्रिया ने अपने मंगेतर के साथ अचानक भागकर आर्य समाज मंदिर में लव मैरिज कर ली। माता हेमलता जाट ने बताया कि वह अपनी बेटी को गाड़ी की किश्त जमा करने के लिए हमीरगढ़ के बैंक ले गई थी, लेकिन वह वापस आकर रुपये जमा नहीं कर पाई।
जब मैंने उसे फोन किया, तो वह बताई कि वह अभी बैंक में है। इसके बाद उसने अपना फोन स्विच ऑफ कर दिया। इसके बावजूद, हम ढूंढ़ने का प्रयास करने के बाद भी अपनी बेटी को नहीं ढूंढ़ पाए। फिर, हमने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई।
जब सदर थाना पुलिस उनके साथ कमलेश जाट के घर पहुंची, तो बेटी प्रिया ने अपने माता-पिता को पहचानने से इंकार कर दिया। उसने पुलिस के सामने यह व्यक्त किया कि वह कमलेश के साथ रहना चाहती है। पीड़ित पिता का दावा है कि हमने कमलेश के परिवार से दोनों की समाजिक रीति-रिवाज के अनुसार शादी करने की भी बात कही, लेकिन लड़के के परिवार ने हमें गुमराह करते रहे। बेटी के इस प्रतिक्रिया से दुखी परिजनों ने 1 जून को उसकी मौत की सूचना के साथ उसके मृत्यु भोज के शोक संदेश को सामाजिक मीडिया के माध्यम से फैलाया।