BHU का फ्लॉवर शो: हजारों फूलों की महक से गमक उठी महामना की बगिया, यहां देखें 250 किस्म के गुलाब

 
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महामना की जयंती पर आज उनकी बगिया सतरंगी फूलों की सुरभि से गमक उठी है। फूलों की महक ने मालवीय भवन की शान में रौनक बढ़ा दी है। यह मालियों की महीने भर की कड़ी मेहनत की सुगंध है, पूरे कैंपस के 50 हजार लोगों को एक सुगंध के बंधन में बांध रहा है। वहीं शहर भर से लड़कियां और महिलाएं फूलों को देखने BHU पहुंच रहीं हैं। फूलों के साथ अलग-अलग एंगल में फोटोज और सेल्फी क्लिक किए जा रहे हैं।

लोगों का कहना है कि फूलों के प्रति इतना सामूहिक लगाव, काशी क्या देश में कहीं नहीं दिखाई पड़ता। इसलिए, यह अनोखा फ्लॉवर शो तीन दिनों तक चलता है। मालवीय जयंती पर BHU पारंपरिक तौर पर हर साल लगने वाली शाक-पुष्प प्रदर्शनी इस बार भी लगी है।

यहां पर हजारों तरह के फूलों की सजावट की गई है। रेक्टर प्रो. वीके शुक्ला ने इस प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। यह 3 दिवसीय प्रदर्शनी 27 दिसंबर तक चलेगी।

BHU के उद्यान अधिकारी प्रो. आनंद कुमार सिंह ने कहा कि इस फ्लॉवर शो में देशी-विदेशी सैकड़ों तरह के फूलों की प्रदर्शनी लगाई गई है। गुलाब ,रजनीगंधा, गुलदाउदी के साथ ही जरबेरा, क्यूरोज, कुलियस आदि भी यहां पर आप देख सकेंगे।

250 किस्मों के गुलाब के फूल लगाए गए हैं। वहीं, कट फ्लावर में गुलदाउदी का कलेक्शन है। वहीं, देश में जितनी भी प्रकार की सब्जियां और फूल होते हैं, वे सभी यहां पर लगाए गए हैं। इसके अलावा कुछ नए फूल भी लगाए गए हैं।

अब नीचे 12 फोटो में देखिए BHU की पुष्प प्रदर्शनी...

मालवीय भवन में फ्लॉवर्स शो के उद्घाटन के दौरान BHU के शीर्ष अधिकारी।

मालवीय भवन में फ्लॉवर्स शो के उद्घाटन के दौरान BHU के शीर्ष अधिकारी।

मालवीय भवन में बने गुलाब के इस पंडाल में छात्र-छात्राओं की काफी भीड़ देखी जा रही है।

मालवीय भवन में बने गुलाब के इस पंडाल में छात्र-छात्राओं की काफी भीड़ देखी जा रही है।

फूलों की इस बगिया में इतना मनोरम दृश्य बना हुआ है कि जैसे मानों ये फूल मुस्कुराकर लोगों को अभिवादन कर रहे हैं।

फूलों की इस बगिया में इतना मनोरम दृश्य बना हुआ है कि जैसे मानों ये फूल मुस्कुराकर लोगों को अभिवादन कर रहे हैं।

मालवीय भवन में फूलों के साथ सेल्फी लेती महिला। इस दौरान काफी लोग यह शो देखने पहुंच रहे हैं।

मालवीय भवन को पूरी तरह फूलों से सजा दिया गया है। शाम को यहां पर दीपोत्सव मनेगा।

मालवीय भवन को पूरी तरह फूलों से सजा दिया गया है। शाम को यहां पर दीपोत्सव मनेगा।

मालवीय भवन में फूलों से मंडप तैयार किए गए हैं।

मालवीय भवन में फूलों से मंडप तैयार किए गए हैं।

BHU कैंपस स्थित विश्वनाथ मंदिर को भी फूलों से सजा दिया गया है।

BHU कैंपस स्थित विश्वनाथ मंदिर को भी फूलों से सजा दिया गया है।

महामना जी की प्रतिमा को जैसे गेंद के फूलों का कपड़ा पहनाकर सजाया गया है।

महामना जी की प्रतिमा को जैसे गेंद के फूलों का कपड़ा पहनाकर सजाया गया है।

लाइट पिंक कलर के गुलाब भी दिखेंगे। BHU में 250 किस्मों के गुलाब के फूलों का पंडाल लगाया गया है।

लाइट पिंक कलर के गुलाब भी दिखेंगे। BHU में 250 किस्मों के गुलाब के फूलों का पंडाल लगाया गया है।

ये गुलाब काफी खुशबूदार हैं। BHU में फूलों की यह प्रदर्शनी 3 दिन तक चलेगी।

ये गुलाब काफी खुशबूदार हैं। BHU में फूलों की यह प्रदर्शनी 3 दिन तक चलेगी।

ये हैं बनारस के फूल और बंद गोभी। इस प्रदर्शनी में फूलों के साथ सब्जियां भी लगाई जाती हैं।

ये हैं बनारस के फूल और बंद गोभी। इस प्रदर्शनी में फूलों के साथ सब्जियां भी लगाई जाती हैं।

ये लाल रंग वाला देसी टमाटर है। यहां पर सब्जियों की भी सैकड़ों प्रजातियां लगाई गईं हैं।

ये लाल रंग वाला देसी टमाटर है। यहां पर सब्जियों की भी सैकड़ों प्रजातियां लगाई गईं हैं।

ये फूल लगाए गए हैं

गुलदावदी के कटे फूल, गुलाब के कटे फूल, लीलियम, जरबेरा, कार्नेशन, ग्लैडियोलस, रजनीगंधा, बर्ड ऑफ पैराडाईज़, गेंदा, गुलाब आदि पुष्पों के गमले, रिफ्लैक्स्ड, इनकर्वड, इनकर्विंग, स्पाइडर, पोममैन, स्पून, एनिमोन आदि प्रदर्शित किये गए हैं। फल और सब्ज़ियां, कलात्मक पुष्प सज्जा, मंडपम, विश्वविद्यालय मुख्य द्वार की सजावट, फूलों से सुसज्जित रंगोली, सुकर्तन कला (टॉपियरी), बोनसाई और हरी पत्तियों के संग्रह, मालवीय जी पर आधारित वास्तुकला के नमूने, मानव, पक्षी और जलप्रपात आदि मुख्य रूप से आकर्षण के केंद्र रहे।

प्रदर्शनी में गुलाब के ये फूल रहे चर्चित
1. किंग ऑफ द शो - जुमेलिया
2. क्वीन ऑफ द शो - रिवाइल
3. प्रिंस ऑफ द शो - ट्रॉपिकल अमेजन
4. प्रिंसेस ऑफ द शो - पी चावलेंधु

इनकी रही हिस्सेदारी

इस प्रदर्शनी में विश्वविद्यालय वाराणसी की 39 GTC छावनी परिषद्, उप-निदेशक उद्यान, वाराणसी, आजमगढ़, गाजीपुर, जौनपुर, मीरजापुर, सोनभद्र, संत रविदास नगर (भदोही), चंदौली और मऊ के जिला उद्यान अधिकारी, बनारस रेल इंजन कारखाना, केंद्रीय कारागार, पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी, जिला कारागार, धीरेंद्र कन्या महाविद्यालय, विन्ध्य गुरूकुल कॉलेज, स्थानीय नर्सरियों और होटलों ने भाग लिया।