Water smart city varanasi: देश का पहला वाटर स्मार्ट सिटी बनेगा बनारस, नदी-नालों पर बनेंगे लिविंग लैब, IIT-BHU ने तैयार किया प्लान
वाराणसी देश की पहली वाटर स्मार्ट सिटी बनेगी। यूरोपीय देश डेनमार्क की तकनीक से काशी में यह काम होगा। वाटर स्मार्ट सिटी के तहत वाराणसी के नालों, नदियों और तालाबों समेत पानी के सभी स्रोतों को दुरुस्त करना होगा। IIT-BHU के वैज्ञानिकों द्वारा इसकी रुपरेखा तैयार की जा रही है। वाटर स्मार्ट सिटी में साफ पानी की कोई नहीं होगी। दूसरी बात गंदे पानी कहीं दिखेंगे नहीं। ये न तो गंगा मिलेंगे और न ही नालों में बजबजाते।
IIT-BHU के सिविल वैज्ञानिक प्रो. पीके सिंह ने इसका प्रपोजल तैयार किया है। प्रो. सिंह ने कहा कि साल 2017 में यह प्रपोजल बनाया था। मगर, अब दिल्ली में 15-17 दिसंबर को हुए एक कांफ्रेंस ‘वाटर इंपैक्ट समिट 2022’ में इस प्रपोजल को आगे बढ़ाने पर सहमति बनी। सरकार ने भी कहा है कि खाका तैयार करें आगे काम किया जाएगा। अभी बजट नहीं बना है।
गंगा में प्रदूषित जल को रोकने के लिए वरुणा और अस्सी यानी कि उनकी सहायक नदियों को साफ करेंगे। वरुणा नदी और अस्सी नाले के किनारे एक लिविंग लैब खुलेगा। यहां पर हर समय वरुणा के पानी का जैविक ट्रीटमेंट होगा।
BHU, BLW कैंपस से होगी शुरुआत
स्मार्ट वाटर सिटी के काम की शुरुआत काशी हिंदू विश्वविद्यालय कैंपस, BLW और रेलवे कैंपस से होगी। यहां पर जल का दोहन सबसे ज्यादा है। वहीं इनके भी नाले सीधे गंगा में जाकर मिलते हैं, जबकि ये कैंपस इतने सक्षम हैं कि मलजल को खुद ही ट्रीट कर उसे वापस काम में लें।
वाराणसी को वाटर स्मार्ट सिटी का रूप देने में ये 6 सुधार करने होंगे
- स्मार्ट वाटर सप्लाई सिटी - इसमें पीने वाले पानी के सप्लाई को टेक्निकली साफ रखना। हम विदेशों में कई जगह पर पानी खरीद कर नहीं पीते। आपके नल में साफ पानी आए, यही इसका अर्थ है।
- दूसरा है स्मार्ट वाटर सीवरेज सिटी- इसमें शहर के सीवेज सिस्टम को इतना अत्याधुनिक बनाया जाएगा कि उनका मलजल रिसाइकिल होकर कहीं उपयोग में आए। ऐसे बड़े-बड़े नालों के बजाय अंडरग्राउंड टनल से पानी ट्रीटमेंट प्लांट तक जाए और वहां से साफ होकर यूज में आए।
- स्मार्ट वाटर ड्रेन सिटी में शहर के सभी छोटे-बड़े नालों को दुरुस्त करना है।
- स्मार्ट वाटर वे सिटी में नदियों के रास्तों को साफ और पॉल्यूशन फ्री करना है।
- स्मार्ट रिसाइकिल सिटी में शहर के सभी वेस्ट पानी को रिसाईकल करना।
- स्मार्ट वाटर सेंसटिव सिटी यानी कि शहर के लोग पानी के प्रति थोड़े संवेदनशील हों।