Kanpur bank robbery: सुरंग बनाकर बैंक में घुसे चोर, 'गिरवी' रखा गोल्ड लेकर हुए रफूचक्कर
kanpur sbi bank gold robbery: यूपी के कानपुर में चोरों की करतूत का हैरान करने वाला मामला प्रकाश में आया है। एसबीआई की भौती शाखा में गुरुवार रात चोरों ने बैंक के पीछे से सुरंग बनाकर स्ट्रांग रूम के गोल्ड चेस्ट तक पहुंच गए।
गोल्ड चेस्ट में रखा करोड़ों का गोल्ड लेकर फरार हो गए। शुक्रवार सुबह जब बैंक कर्मचारी पहुंचे तो उन्होने देखा कि गोल्ड चेस्ट के स्ट्रांग रूम का दरवाजा खुला पड़ा है। स्ट्रांग रूम का पूरा सोना गायब है। यह देखते ही कर्मचारियों के होश उड़ गए। चोरी की सूचना पर पहुंची पुलिस और फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया।
सचेंडी थाना क्षेत्र स्थित एसबीआई भौती शाख है। एसबीआई बैंक में हुई चोरी ने पुलिस के गस्त की पोल खोल कर रख दी है। गुरुवार को कानपुर त्रिपल मर्डर की घटना सामने आई थी। इसके साथ ही गुरुवार को चोरों ने बैंक में रखा पूरा गोल्ड लेकर फरार हो गए। बैंक के पीछे झाड़ियां हैं। सर्द रात की वजह से उस इलाके में बहुत जल्दी सन्नाटा हो जाता है। जिसका फायदा उठाते चोरों ने बैंक के पीछे से सुरंग बनाकर बैंक के अंदर दाखिल हो गए। इसके बाद लोहे की रॉड से गोल्ड चेस्ट के स्ट्रांग रूम का दरवाजा तोड़कर करोड़ो का गोल्ड लेकर उड़ गए।
फोरेंसिक टीम ने जुटाए साक्ष्य
एसबीआई बैंक में चोरी की घटना के बाद शुक्रवार सुबह फोरेंसिक टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। फोरेंसिक टीम को स्ट्रांग रूम से कई फिंगर प्रिंट मिले हैं। इसके साथ ही कानपुर पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड और डीसीपी वेस्ट ने भी घटना स्थल का जायजा लिया। पुलिस का कहना है कि आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। चोरों को पकड़ने के लिए कई टीमें लगाई गईं हैं।
लोन का था गोल्ड
कानपुर पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड का कहना है कि एसबीआई की भौती ब्रांच हैं। सुबह थाने पर इन्होने सूचना दी कि बैंक में चोरी हो गई। बैंक में एक कैश चेस्ट है और उसके बगल में गोल्ड चेस्ट है। बैंक के पीछे झाड़ी खडी है। बाउंड्री वॉल में सुरंग लगाकर चोरों ने स्ट्रांग रूम में एंट्री कर गए।
गोल्ड चेस्ट का दरवाजा किसी रॉड से खोला है। उससे पूरा गोल्ड चोरी कर लिया गया। इस गोल्ड से लोन दिया जाता है। कितने का गोल्ड चोरी हुआ है। बैंक कर्मियों द्वारा इसका आकलन किया जा रहा है। कैश चेस्ट से नगदी चोरी नहीं हुई है। इस घटना जल्द ही खुलासा कर दिया जाएगा।
25 साल पहले भी हुई थी ऐसी चोरी
मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड मौके पर पहुंचकर जांच की। यहां एक रोचक बात यह है कि गोल्ड चेस्ट के ठीक बगल में एक और सेफ रखी थी। इसमें 35 लाख रुपए नगद रखे थे। मगर, चोरों ने उन्हें चोरी नहीं किया है। यह रकम बैंक में सुरक्षित मिली है। यह 1969 की SBI ब्रांच है। सन् 1997 में भी इस बैंक ने ठीक इसी तरह सोने की चोरी को ठीक इसी तरह अंजाम दिया था।
बैंक के पिछले हिस्से में आबादी नहीं रहती
ब्रांच के मैनेजर नीरज राय ने बताया कि शुक्रवार सुबह बैंक स्टाफ काम पर पहुंचा तो चोरी का पता चला। हम लोगों ने पुलिस को सूचना दी। जहां तक मेरा अनुमान है कि चोरों ने बैंक के अंदर से पहले बकायदा रैकी की। बैंक के पिछले हिस्से में आबादी नहीं थी। कोई आता-जाता भी नहीं। पिछले हिस्से की दीवार भी पुरानी थी। जिससे दीवार आसानी से टूट गई। चोरों ने जो सुरंग बनाई है वो करीब 8 फीट लंबी और 4 फीट चौड़ी होगी।
पुलिस ने मौके मुआयना करने के बाद कहा कि सटीक रैकी के बाद वारदात को अंजाम दिया गया है। उन्हें यह भी पता था कि स्ट्रांग रुम का फर्श मजबूत बना है। इसलिए वह ड्रिल मशीन भी लेकर पहुंचे थे। वारदात के बाद सुरंग के रास्ते ही निकलकर भाग गए।
नीरज राय ने बताया कि उनकी रैकी इतनी सटीक थी कि चोर सीधे स्ट्रांग रूम के नीचे पहुंचे। यहां दो सेफ रखी हुईं थी। उन्होंने सिर्फ गोल्ड सेफ को टारगेट किया। उसके बगल में सेफ में 35 लाख रुपए रखे थे। उसे उन्होंने टच भी नहीं किया।पुलिस मान रही है कि उन्हें सोना चोरी करने में ही सुबह हो गई होगी। पकड़े जाने के डर से वो कैश की सेफ को मौके पर ही छोड़ गए। सिर्फ सोना लेकर भागे है। ये सोना गोल्ड लोन लेने वाले 29 लोगों का था। उनकी जानकारी भी पुलिस जुटा रही है।
जिस तरह से चोरी हुई है, उससे इस बात का शक है कि पूरी प्लानिंग के बाद चोरों ने वारदात की। इसलिए पुलिस बैंक के CCTV खंगाल रही है। मगर, बैंक के जिस हिस्से में बदमाश थे, उस स्ट्रांग रूम का CCTV पुलिस को खराब मिला है। शक है कि रैकी के बाद पूरी वारदात को अंजाम दिया गया है। पुलिस को शक है कि इस चोरी में बैंक के कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं। इसलिए सभी से पूछताछ की जा रही है।
पुलिस ने कानपुर के बॉर्डर एरिया को ब्लॉक किया गया है। बैंक की तरफ आने वाले सभी रास्तों पर चेकिंग हो रही है। क्योंकि, इतना सोना लेकर जाने के लिए बदमाशों को बड़ी गाड़ी की जरूरत होगी। ऐसे में संदिग्ध गाड़ियों को बाजार के सीसीटीवी में पुलिस की एक टीम ढूंढ रही है। ताकि चोरों के बारे में पता लगाया जा सके।