Mahashivratri 2023 काशी विश्वनाथ मंदिर में VIP को दर्शन कराने गर्भ गृह में नहीं जाएगी पुलिस, चार चरणों में होगी मंदिर की सुरक्षा
Mahashivratri 2023: Police will not go to the sanctum sanctorum to see VIPs in Kashi Vishwanath temple, the security of the temple will be in four stages
महाशिवरात्रि से पहले काशीपुराधिपति के गर्भगृह और उसके आसपास की सुरक्षा व्यवस्था बदल जाएगी। पुलिस के गर्भगृह तक जाने और विशिष्ट लोगों के दर्शन-पूजन कराने पर रोक लगाई जा सकती है।
यह जिम्मेदारी मंदिर के कर्मचारी ही संभालेंगे। मंदिर प्रबंधन के लोग ही श्रद्धालुओं को कतारबद्ध कर गर्भगृह तक ले जाएंगे। अभी श्रद्धालुओं को जगह-जगह जांच से होकर गुजरना पड़ता है। कुछ पुलिस कर्मी दुर्व्यवहार भी करते हैं। मंदिर की सुरक्षा के लिए गठित हाई पावर कमेटी इस पर फरवरी के पहले सप्ताह तक मुहर लगा सकती है।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने प्रशासन और पुलिस के सुझावों पर मंथन के बाद काशी विश्वनाथ धाम की सुरक्षा की पुख्ता कार्ययोजना तैयार कर ली है। सीआईएसएफ ने सुरक्षा का जो खाका तैयार किया है, उसके मुताबिक, धाम की सुरक्षा चार चरणों की रहेगी । मुख्य द्वार से श्रद्धालुओं के बेरोकटोक आवागमन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
काशी विश्वनाथ धाम के सभी प्रवेश मार्गों को अत्याधुनिक स्कैनर और डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर से लैस किया जाएगा। इसमें श्रद्धालु अपने सभी सामानों की जांच कराकर मंदिर परिसर में प्रवेश कर सकेंगे। मंदिर परिसर में गंगा घाट की सुरक्षा व्यवस्था में जल पुलिस और सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) तैनात रहेगी। पुलिस कर्मियों को मंदिर परिसर में अलग-अलग स्थानों पर सुरक्षा की जिम्मेदारी दी जाएगी।
मंदिर के सभी मुख्य द्वार पर भी पुलिस डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर और अत्याधुनिक जांच यंत्रों के साथ तैनात रहेगी। यहां जांच के बाद गर्भगृह के बाहर मंदिर प्रबंधन के कर्मचारी दर्शन पूजन की व्यवस्था संभालेंगे। यहां बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर की नई सुरक्षा व्यवस्था के लिए गृह मंत्रालय ने सीआईएसएफ को जिम्मेदारी सौंपी है। सीआईएसएफ ने सर्वे और प्रशासन व पुलिस के सुझावों के अनुसार सुरक्षा की नई कार्ययोजना बनाई है।
मंदिर के बाहर ही दिखेगा सशस्त्र बल
नई सुरक्षा योजना के अनुसार काशी विश्वनाथ मंदिर के अंदर सुरक्षा एजेंसी से जुड़े जवान बिना शस्त्र के दिखाई देंगे। शस्त्रधारी जवानों की ड्यूटी मंदिर परिसर के बाहर होगी। गर्भगृह और इसके आसपास सुरक्षा में तैनात कर्मचारी बिना वर्दी में होंगे। कतार आदि लगवाने के लिए भी मंदिर प्रबंधन के लोग ही रहेंगे।
मंदिर के अंदर प्रतिबंधित रहेगा इलेक्ट्रानिक सामान
काशी विश्वनाथ के गर्भगृह तक पहले की तरह इलेक्ट्रानिक सामानों पर प्रतिबंध जारी रहेगा। यहां श्रद्धालु केवल पूजन सामग्री के साथ ही प्रवेश कर पाएंगे। मोबाइल, पेन और इलेक्ट्रानिक सामानों को लेकर स्पष्ट आदेश नहीं होने के कारण मुख्य द्वार पर तैनात पुलिस कई बार श्रद्धालुओं को बाहर सामान रखने को कहती है। मगर, नए आदेश में श्रद्धालु सामान सहित धाम तक आएंगे और यहां बने यात्री सुविधा केंद्र में अपना सामान रख सकेंगे।
पिनाक भवन से होगा भीड़ का नियंत्रण
काशी विश्वनाथ धाम की सुरक्षा के लिए तैयार पिनाक भवन पर तैनात पुलिस के अधिकारी सीसी कैमरे से निगरानी करेंगे। यहां से अधिकारी मंदिर प्रबंधन के कर्मचारियों से संपर्क करते हुए भीड़ नियंत्रण में भूमिका निभाएंगे।
जिस द्वार पर श्रद्धालुओं की संख्या ज्यादा होगी, वहां से दूसरे द्वार पर भेजने की व्यवस्था बनेगी। मंदिर में प्रवेश के चार द्वार हैं। मंदिर के सभी द्वार पर समान संख्या में श्रद्धालु रहें, यह सुनिश्चित किया जाएगा। इससे दर्शन-पूजन में आसानी रहेगी। आपाधापी नहीं मचेगी।
सुरक्षा से संबंधित प्रशासन और पुलिस के सुझाव सीआईएसएफ को भेज दिए गए हैं। महाशिवरात्रि से पहले नई व्यवस्था लागू हो सकती है। हाई पावर कमेटी के समक्ष जल्द ही मामला जाएगा। इसमें सुरक्षा की नई कार्ययोजना पर मुहर लगाई जा सकती है। कौशल राज शर्मा, मंडलायुक्त
एक नजर में
प्रतिदिन मंदिर आने वाले श्रद्धालु- 80 हजार से एक लाख
विशेष अवसर पर श्रद्धालुओं की संख्या- दो से पांच लाख
सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी- 12 सौ
मंदिर के द्वार की संख्या- चार