Prayagraj Magh Mela 2023: प्रयागराज में माघ मेला शुरू, श्रद्धालुओं ने लगाई संगम में डुबकी, जानें स्नान की मुख्य तिथियां

Magh Mela 2023: प्रयागराज में आज से माघ मेले की शुरुआत हो गई है। श्रद्धालुओं ने पौष पूर्णिमा के अवसर पर गंगा-यमुना और सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगाई। सर्दी और कोहरे पर श्रद्धालुओं की आस्था भारी पड़ रही है। पूर्णिमा का स्नान सुबह से ही शुरू हो गया है।
पौष पूर्णिमा पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर अपने लिए मोक्ष की कामना करते हैं। माघ मेला हिंदू धर्म का सबसे बड़ा मेला है, जिसकी विशेषता 'कल्पवास' है। श्रद्धालु यहां एक महीने तक रहकर स्नान, दान, जप, सत्संग करते हैं। इसके लिए गंगा किनारे अस्थायी टेंट बनाए गए हैं।
शुक्रवार को भोर से ही हर हर महादेव और हर हर गंगे के उद्घोष के साथ पुण्य की डुबकी शुरू हो गई। बुधवार से ही श्रद्धालुओं का संगम पर पहुंचने का सिलसिला चालू हो गया था। माघ मेले में कुल 14 स्नान घाट बनाए गए हैं। कोविड प्रोटोकाल के साथ ही श्रद्धालुओं को मेले में प्रवेश दिया जा रहा है। सभी की थर्मल स्कैनिंग की जा रही है।
रोज से ज्यादा शुक्रवार को कोहरे और ठंड का प्रकोप दिखा। बृहस्पतिवार को पारा लुढ़ककर पांच डिग्री पर पहुंच गया था। बावजूद इसके श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं दिखी। भोर से ही स्नान दान का सिलसिला शुरू हो गया।
माघ मेला की व्यवस्था एक नजर में
14 घाटों पर होगा पौष पूर्णिमा का प्रथम स्नान।
16 प्रवेश द्वारों पर कोविड हेल्प डेस्क करेगी कोरोना के संदिग्धों की जांच।
05 पांटून पुलों से होकर गुजरेंगे संत और भक्त।
माघ स्नान की प्रमुख तिथियां
साल 2023 में माघ स्नान की प्रमुख तिथियां 5 रहेंगी। आइए जानते हैं माघ मेले में स्नान की प्रमुख तिथियां और उनकी तारीख।
पौष पूर्णिमा - 6 जनवरी 2023
मकर संक्रांति - 14 और 15 जनवरी 2023
मौनी अमावस्या - 21 जनवरी 2023
माघी पूर्णिमा - 5 फरवरी 2023
महाशिवरात्रि - 18 फरवरी 2023
शास्त्रों के अनुसार प्रयागराज तीर्थों का राजा है और यहां पर स्नान करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। साथ ही हर कष्ट से निजात मिल जाती है। हिंदू पुराणों में प्रयागराज के त्रिवेणी संगम स्नान करने के महत्व का उल्लेख कई जगह मिलता है।
एमडी ने किया मेला क्षेत्र का निरीक्षण
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक शंभू कुमार ने बृहस्पतिवार को मेला क्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को मेला क्षेत्र में अधिक सतर्कता बरतने की हिदायत दी। उन्होंने मेला क्षेत्र में 24 घंटे बिजली आपूर्ति के निर्देश दिए। प्रबंध निदेशक ने मुख्य अभियंता विनोद कुमार गंगवार और माघ मेला में तैनात अधिशासी अभियंता भविष्य कुमार सक्सेना से मेला क्षेत्र के कार्यों की पूरी जानकारी भी प्राप्त की।
सवा पांच लाख रुद्राक्ष से बने महाकाल की यज्ञशाला में होगा राष्ट्र रक्षा महायज्ञ
महाकुंभ के रिहर्सल के रूप में बसे माघ मेले में इस बार महाकाल की यज्ञशाला देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं का ध्यान खींचेगी। इस यज्ञशाला में शुक्रवार से महीने भर चलने वाला राष्ट्ररक्षा महायज्ञ आरंभ होगा।
सेक्टर तीन में खाक चौक स्थित महावीर मार्ग पर स्थित इस यज्ञशाला में सवा पांच लाख रुद्राक्ष के मनकों से महाकाल का पांच फुट ऊंचा शिवलिंग बृहस्पतिवार की शाम तैयार कर लिया गया। विशाल यज्ञ वेदी में चार चरणों में स्हस्त्र त्रिशूल स्थापित किए गए हैं। इसमें इसमें काले रंग के घेरा वाले त्रिशूल आतंक के विनाश के लिए, सफेद रंग के घेरे वाले त्रिशूल ज्ञान-विद्या के लिए और इसी तरह लाल रंग के त्रिशूल अर्थव्यवस्था मजबूत करने के लिए और पीले त्रिशूल शत्रु पराजय की कामना से लगाए गए हैं।
इस महाकाल यज्ञशाला में पौष पूर्णिमा की सुबह सात बजे शिव योगी मौनी स्वामी लेटकर मंगल यात्रा की शुरुआत करेंगे। यह यात्रा महावीर पांटून पुल से होकर संगम तट पर पहुंचेगी। वहां वह डुबकी लगाने के बाद उसी क्रम में यज्ञशाला वापस आएंगे और वहां वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ आरंभ होगा।
इस यज्ञशाला में राष्ट्र रक्षा की कामना से सवा पांच लाख आहुतियां दी जाएंगी। साथ 1.51 लाख दीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। मौनी बाबा ने बताया कि यह उनका 37वां अनुष्ठान है। इससे पहले माघ मेले में उन्होंने अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए महायज्ञ किया था।
2800 अतिरिक्त बसें, मांस-मदिरा के सेवन और बिक्री पर पाबंदी
माघ मेले के लिए चलाई जाएंगी 2800 अतिरिक्त बसें. इसके साथ ही 200 बसें , रिजर्व रहेंगी प्रयागराज के निकटवर्ती तीर्थ स्थलों के लिए भी 80 बसों का इंतजाम किया गया है।मौनी अमावस्या एवं बसंत पंचमी के स्नान पर भारी भीड़ उमड़ने की संभावना को देखते हुए बसों का इंतजाम किया गया। 20 जनवरी से 27 जनवरी तक संचालन पर फोकस रहेगा।
इसके साथ ही माघ मेला क्षेत्र में मांस और मदिरा के सेवन व बिक्री को किया गया प्रतिबंधित। 650 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले माघ मेला क्षेत्र को प्रतिबंधित किया गया। मेला क्षेत्र में मांस- मदिरा की बिक्री या सेवन करने वालों के खिलाफ की कड़ी कार्रवाई जाएगी।
रेलवे ने भी किए खास इंतजाम
माघ मेले के प्रयागराज जंक्शन पर यात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाओं से लैस चार यात्री आश्रय हैं। प्रत्येक आश्रय में लगभग 2500 लोगों के रुकने का इंतजाम किया गया है।प्रयागराज जंक्शन पर लगभग 10,000 यात्रियों के रुकने की व्यवस्था है।
इसके साथ आश्रयों में पूछताछ काउंटर, अनारक्षित टिकट काउंटर, ट्रेन टाइमिंग डिस्प्ले बोर्ड, एनाउन्समेंट प्रणाली,पीने का पानी, लाईट और शौचालय की व्यवस्था की गई है, ताकि यात्रियों को कोई असुविधा न हो।
माघ मेला के दृष्टिगत स्टेशन और आश्रय को पूर्ण रूप से सुरक्षित किया गया है। यात्रियों की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए प्रयागराज जंक्शन पर CCTV कैमरे लगाए गए हैं।यात्रियों की सुरक्षा में प्रयागराज जंक्शन पर रेलवे सुरक्षा बल एवं जीआरपी के जवान तैनात किये जाएंगे। स्नान पर्व पर प्रयागराज पहुंचने वाले यात्रियों के लिए रेलवे ने रुट तैयार कर लिया है।