पैरोल पर बाहर आए राम रहीम ने हनीप्रीत को दिया 'रूहानी दीदी' नया नाम

 
पैरोल पर बाहर आए राम रहीम ने हनीप्रीत को दिया 'रूहानी दीदी' नाम

बागपत में राम रहीम ने गद्दी बदले जाने वाले सवालों पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। राम रहीम ने कहा है, "इस गद्दी पर 'हम हैं, हम थे और हम ही रहेंगे।' जो भी सूत्र ये बात बोले रहे हैं, उनकी बातें मत सुनिए। ये सूत्र कहां से आते हैं हमें भी नहीं पता। मैं ही इस गद्दी पर हमेशा रहूंगा। कहो तो लाख बार ये बात लिखकर दे दूं।" राम रहीम ने ये बयान बागपत में अपने बरनावा आश्रम में साधु संगत को संबोधित करते हुए कहा।


पैरोल पर जेल से बाहर आए डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम ने अपनी मुंह बोली बेटी हनीप्रीत का नाम भी बदल दिया है। उसने अपनी बेटी का नाम 'रूहानी दीदी' कर दिया है। हनीप्रीत का नाम बदलने के पीछे का कारण भी राम रहीम ने बताया है। राम रहीम का कहना है, हमने अपनी बिटिया का नाम थोड़ा मॉर्डन कर दिया है। जिससे लोग उसे आसानी से बुला सकें।


बता दें, अपनी दो शिष्याओं से बलात्कार के आरोप में 20 साल कैद की सजा काट रहा डेरा प्रमुख हाल में सुनारिया जेल से 40 दिन की पैरोल पर बाहर आया है। हरियाणा में पंचायत और आदमपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उप चुनाव से पहले राम रहीम को मिली पैरोल पर सवाल भी उठ रहे हैं।

हनीप्रीत के पिता राम रहीम के भक्त थे


हनीप्रीत के पिता राम रहीम के अनुयायी थे। जो अपनी सारी प्रॉपर्टी बेचने के बाद डेरा सच्चा सौदा में अपनी दुकान चलाने लगे। हनीप्रीत की शादी 14 फरवरी 1999 को विश्वास गुप्ता की सत्संग में शादी हुई थी। इसके बाद बाबा ने हनीप्रीत को अपनी तीसरी बेटी घोषित कर दिया था। हनीप्रीत गुरमीत राम रहीम के साथ कई फिल्मों में काम कर चुकी है। वो राम रहीम की सबसे करीबी मानी जाती है।


हनीप्रीत मूल रूप से हरियाणा के फतेहाबाद जिले की रहने वाली है। उसका नाम प्रियंका तनेजा था। प्रियंका 1996 में पहली बार डेरे के कॉलेज में 11वीं क्लास में पढ़ने के लिए आई थी। जब वह डेरे में आई थी उसी साल राम रहीम लड़कियों को आर्शीवाद देने के लिए स्कूल में आया था।

तभी राम रहीम ने प्रियंका को पहली बार देखा था। प्रियंका तनेजा उर्फ हनीप्रीत और विश्वास गुप्ता की शादी 14 फरवरी, 1999 को डेरा प्रमुख राम रहीम ने ही कराई थी। हालांकि दोनों की शादी ज्यादा दिन नहीं चली थी। कुछ समय बाद हनीप्रीत ने राम रहीम से शिकायत की कि उसके ससुराल वाले उसे दहेज के लिए परेशान कर रहे हैं।


राम रहीम डेरा के बरनावा आश्रम से केवल ऑनलाइन सत्संग कर रहा है। राम रहीम को पिछले साल चार अन्य लोगों के साथ डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के आरोप में भी दोषी ठहराया गया था। डेरा प्रमुख और तीन अन्य लोगों को 16 साल से भी अधिक समय पहले एक पत्रकार की हुई हत्या के मामले में 2019 में दोषी करार दिया गया था।


डेरा प्रमुख ने 17 मई 2021 को मां की बीमारी का हवाला देकर 21 दिन के इमरजेंसी पैरोल की मांग की थी। इस आवेदन पर उसे 21 मई 2021 को 12 घंटे की पैरोल मिली थी। फरवरी 2022 में डेरा प्रमुख को तीन सप्ताह की छुट्टी मिली थी। अब वो फिर से 17 जून 2022 को 1 महीने की पेैरोल पर बाहर आ गया है। अभी वो फिर से पैरोल पर बाहर है।


स्थापना 1948 में शाह मस्ताना ने की थी। 1960 में शाह सतनाम डेरे की गद्दी पर बैठे। इसके बाद 1990 में 23 साल की उम्र में राम रहीम डेरे की गद्दी पर बैठा था। साल 2006-07 में डेरा सच्चा सौदा ने राजनीतिक विंग बनाई। इसमें डेरा प्रमुख के विश्वासपात्र लोग शामिल हैं। साथ ही हर राज्य की 45 सदस्यीय कमेटी भी गठित की गई।