BHU में Faculty of Arts के डीन विजय बहादुर सिंह का Heart Attack से निधन
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से एक दुखद खबर आ रही है। आपको बता दें कि विश्वविद्यालय में कला संकाय के प्रमुख व हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विजय बहादुर सिंह (Vijay Bahadur Singh) का सर सुंदरलाल अस्पताल में ह्रदयगति रुकने से निधन हो गया है। जिससे पूरे BHU परिसर में शोक की लहर दौड़ पड़ी।
प्रोफेसर विजय बहादुर सिंह वर्तमान में कला संकाय के हिंदी विभाग तथा पत्रकारिता एवं जनसंप्रेषण विभाग के अध्यक्ष भी थे। उन्होंने हिन्दी के साथ-साथ उर्दू के क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण काम किया था और उर्दू विषय के उत्थान में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उर्दू विभाग, कला संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ. आफताब अहमद ने बताया कि प्रो. विजय बहादुर सिंह हिंदी के अब तक के पहले विद्वान है जिन्हें उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी ने इस सम्मान के लिए चुना था।
उन्होंने कहा कि कौमी एकता के लिए दिया जाने वाला यह पुरस्कार प्रो. सिंह को प्रदान किया जाना न केवल संकाय बल्कि विश्वविद्यालय परिवार के लिए भी गौरव का विषय रहा। प्रो. सिंह को यह सम्मान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिया गया था।
उर्दू अकादमी पुरस्कार से सम्मानित
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) कला संकाय प्रमुख और हिंदी के विद्वान प्रोफेसर विजय बहादुर सिंह को उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी पुरस्कार 2020 के लिए चुना गया था। प्रोफेसर विजय बहादुर को अकादमी की ओर से ‘डॉ. सुगरा मेहंदी कौमी यकजहती सम्मान 2020’ के तहत एक लाख रुपये एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया था।
विजय बहादुर सिंह कवि, लेखक और आलोचक थे। उन्होंने भवानी प्रसाद मिश्र रचनावली, दुष्यंत कुमार रचनावली और नंददुलारे वाजपेयी रचनावली का संपादन किया था।
उनकी 'नागार्जुन का रचना-संसार', 'नागार्जुन संवाद', 'कविता और संवेदना', 'महादेवी के काव्य का नेपथ्य' आदि आलोचनात्मक कृतियां हैं। 'रामविलास शर्मा सम्मान' और अन्य सम्मान से वे नवाजे जा चुके थे।