अतीक-अशरफ की हत्या में आया सुंदर भाटी गैंग का नाम! जानें लवलेश, सनी और अरुण की 'क्राइम कुंडली'
Sundar Bhati gang's name came in the murder of Atiq-Ashraf! Know the 'crime horoscope' of Lovelesh, Sunny and Arun
हमलावर कौन हैं और हम उनके बारे में क्या जानते हैं?
गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले तीनों हमलावर के आपराधिक इतिहास बहुत पुराने हैं. आरोपी लवलेश पर 406 मामले दर्ज हैं. वहीं दूसरे आरोपित अरुण मौर्य उर्फ कालिया पर हत्या का मुकदमा दर्माज है. जबकि सनी के कथित रूप से सुंदर भाटी गिरोह से संबंध हैं.
बीते शनिवार की देर रात को अतीक और उसके भाई को तीन हमलावरों ने गोली मार दी थी, जो पुलिस द्वारा मेडिकल जांच के लिए शनिवार रात प्रयागराज के एक अस्पताल में ले जा रहे थे.
घटना के समय अहमद बंधुओं का साथ दे रहे पुलिस अधिकारियों ने बांदा निवासी लवलेश तिवारी (22), हमीरपुर निवासी मोहित उर्फ सन्नी (23) और कासगंज से अरुण मौर्य (18) को गोली मारने के बाद गिरफ्तार कर लिया.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, क्रॉस-फायर में लवलेश तिवारी को चोटें आईं, जिसके परिणामस्वरूप एक पुलिस अधिकारी भी घायल हो गया. तो हमलावर कौन हैं और हम उनके बारे में क्या जानते हैं?
लवलेश, सनी और अरुण
लवलेश तिवारी
लवलेश पर गुंडागर्दी और मारपीट के 406 मामले दर्ज हैं. सूत्रों ने बताया कि लवलेश के पिता ड्राइवर का काम करते हैं और उनका परिवार किराए के मकान में रहता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि लवलेश तिवारी एक ऐसे परिवार से आते हैं जो उससे बहुत अलग है.
एक पड़ोसी के हवाले से बताया गया कि तिवारी परिवार एकदम साधारण है और लवलेश के दो भाई पुजारी हैं. जबकि दूसरा अभी छात्र है. हालांकि, लवलेश आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है और कई बार जेल जा चुका है, जिसमें ईव-टीजिंग का मामला भी शामिल है.
अपराध की दुनिया में नाम कमाना चाहता था लवलेश
लवलेश के पड़ोसी ने आगे दावा किया कि लवलेश अपराध की दुनिया में अपना नाम बनाना चाहता था. विशेष डीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, तिवारी पर अवैध शराब बेचने और बांदा में शहर और बेबेरू पुलिस थानों में महिलाओं के साथ मारपीट और उत्पीड़न करने सहित कई आरोप हैं. उसपर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत भी आरोप लगाए गए हैं.
मोहित उर्फ सनी
सनी पर किसी बड़े गिरोह से संबंध होने का शक है और वह छह महीने पहले जेल से छूटा था. उसने 12 साल पहले घर छोड़ दिया था और कुख्यात सुंदर भाटी गिरोह के लिए काम करता था. मोहित के पैतृक स्थान कुरारा के एक पड़ोसी, जिसे सनी के नाम से भी जाना जाता है,
उन्होंने पीटीआई को बताया कि सनी पिछले एक दशक से इलाके में नहीं रह रहा था. पड़ोसी के मुताबिक, सनी एक आम युवक की तरह रहता था. लेकिन एक झगड़े में शामिल होने के बाद उसकी मानसिकता बदल गई, जिसके परिणामस्वरूप उसे जेल जाना पड़ा.
हमीरपुर जेल में रह चुका है सनी
कुछ घटनाओं के बाद, मोहित ने कुरारा छोड़ दिया और लगभग एक साल तक हमीरपुर जेल में रहा. पड़ोसी ने आगे कहा कि मोहित अपराध की दुनिया में आ गया था और उसके बाद से कुरारा नहीं लौटा.
कथित शूटर सनी सिंह के भाई पिंटू सिंह के अनुसार, सनी के पास कोई नौकरी नहीं थी और वह “आसपास घूमता था.” पिंटू ने कहा कि वे अलग-अलग रहते थे और उन्हें नहीं पता था कि सनी आपराधिक गतिविधियों में कैसे शामिल हो गया.
सनी के भाई ने कहा- परिवार को गोलीबारी की कोई जानकारी नहीं थी
पिंटू ने आगे दावा किया कि उन्हें और उनके परिवार को शूटिंग की घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और वे सनी के संपर्क में नहीं थे. उत्तर प्रदेश पुलिस ने रविवार को कहा कि मौजूदा जानकारी के अनुसार, सनी एक अनुभवी अपराधी है. उसके खिलाफ हमीरपुर में कुल 14 आपराधिक मामले लंबित हैं, जिसमें हत्या, डकैती, नशीले पदार्थों की तस्करी संबंधिक मामले दर्ज हैं.
अरुण मौर्य
अरुण मौर्य, जिसे कालिया के नाम से भी जाना जाता है, उसको तीन से अधिक आपराधिक मामलों में नामजद किया गया है. जिसमें 2014-15 में एक जीआरपी कांस्टेबल की हत्या का मामला भी शामिल है और रिपोर्ट के अनुसार, हत्या के मामले में शामिल होने के कारण उसने जेल में समय बिताया था. गोलीकांड की घटना के बाद जब समाचार एजेंसी ने संपर्क किया तो कासगंज के मौर्या के पड़ोसियों ने हैरानी जताई.
अरुण मौर्या के परिवार का कोई सदस्य गांव में नहीं है
पता चला है कि कथित शूटर के माता-पिता अब जीवित नहीं हैं. पड़ोसियों के मुताबिक, मौर्य के दो भाई दिल्ली में कबाड़ का कारोबार करते हैं. इसके अलावा, पड़ोसियों ने दावा किया कि गांव में कोई भी मौर्य के ठिकाने या उसकी गतिविधियों के बारे में नहीं जानता था.
ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने लगभग एक दशक पहले गांव छोड़ दिया था, और उनका वर्तमान स्थान उनके लिए अज्ञात था. यूपी पुलिस ने कहा कि मौर्य की आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच की जा रही है.
हमलावर अतीक अहमद की हत्या से ‘खुद का नाम’ बनाना चाहते थे
पुलिस ने तीनों लोगों पर हत्या, हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के उल्लंघन का आरोप लगाया है. जांच के दौरान, शूटिंग स्थल से कम से कम दो आग्नेयास्त्र बरामद किए गए. प्राथमिकी के अनुसार, आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे अतीक अहमद के गिरोह का सफाया कर राज्य में अपना नाम बनाना चाहते हैं.
हालांकि, पुलिस की त्वरित कार्रवाई के कारण वे मौके से भाग नहीं पाए. आरोपियों में से एक ने कथित तौर पर पुलिस के सामने स्वीकार किया कि वे अतीक और अशरफ की हत्या की योजना तब से बना रहे थे जब उन्हें उनकी पुलिस हिरासत का पता चला था.