Tomato Price: 180 से सीधे 60 रुपये पर आया टमाटर, मार्केट में मची लूट...
बाजार में महंगी सब्जियां भले ही अपना रंग दिखा रही हैं, लेकिन आलू और प्याज के स्थिर भाव से बढ़ती कीमतों का असर बहुत व्यापक नहीं हो पा रहा।
सब्जियों के व्यापारी ओम प्रकाश सोनकर, भोला जायसवाल, विक्की गुप्ता और दिलीप कुमार बताते हैं कि सब्जियों के भाव में अब गिरावट देखने को मिल रही है।
टमाटर भी नीचे आ रहा है। लेकिन आलू का भाव स्थिर रहने से लोगों को शुरू से ही राहत मिलती रही।
इस समय पहड़िया थोक मंडी में सफेद आलू 1000 से लेकर 1150 रुपये प्रति क्विंटल और लाल आलू 1300 से 1350 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रहा है।
इसी तरह प्याज 1600 से लेकर 1800 रुपया प्रति क्विंटल है। लहसुन का थोक रेट 700 से लेकर 900 रुपये प्रति क्विंटल रहा। अदरक 2000 से 2200 रुपया प्रति क्विंटल बिका।
राहत दिलाने के लिए पहड़िया मंडी में सोमवार सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक 60 रुपये प्रति किलो के हिसाब से टमाटर का वितरण किया जाएगा।
यहां एक व्यक्ति को एक दिन में एक ही किलो टमाटर दिया जाएगा। मंडी के सचिव देवेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि शासन की मंशा के अनुसार ऐसा निर्णय लिया गया है। वितरण अगली सूचना तक जारी रहेगा।
सब्जियों के फुटकर दाम टमाटर 110 रुपये किलो, धनिया ₹230 किलो, मिर्च ₹90 किलो, कोहड़ा ₹30 किलो, पालक ₹50 किलो, लौकी ₹30 किलो, नेनुआ ₹50 किलो, बोड़ा ₹70 किलो, परवल ₹90 किलो, करैला ₹60 किलो,
भंटा ₹50 किलो, शिमला मिर्च ₹90 किलो, खीरा ₹40 किलो, भिंडी ₹40 किलो, कुनुरू 40 किलो, अदरक ₹260 किलो, चुकंदर ₹50 किलो, नींबू ₹10 में 5 पीस, फूलगोभी 50 रुपये पीस, पत्ता गोभी 35 रुपये पीस बिक रही है।
टमाटर के दाम ने लगाया दोहरा शतक, अन्य सब्जियों के दाम ने भी छुवा आसमान
लोगों की रसोई से टमाटर ही गायब हो गया है आम लोगों का तो बुरा हाल है। उत्तरकाशी में टमाटर की किल्लत की वजह से दाम 200 रूपये किलो के पार हो गया है, सब्जियों के दाम भी तीन गुना तक बढ़ गए हैं। जिससे पहले से ही महगाईं झेल रहे लोगों के आंसू निकाल दिए हैं।
देश के कई शहरों में टमाटर की कीमत 100 रुपये के ऊपर पहुंच गई है। दिल्ली में तो कई स्थानों पर टमाटर 200 रुपये के पार पहुंच गया है। वीकली मार्केट्स में घटिया क्वालिटी का टमाटर भी 100 रुपये किलो के पार मिल रहा है।
देश में पूरे साल टमाटर की फसल होती है। मुख्य रूप से इसकी खेती मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात में होती है। देश होने वाली टमाटर की कुल खेती में इन राज्यों की हिस्सेदारी 46 परसेंट है। भारत दुनिया में टमाटर का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है लेकिन देश में प्रति हेक्टेयर उपज बहुत कम है। 2021-22 में यह प्रति हेक्टेयर 24.4 टन रही जबकि चीन में यह 58.4 टन प्रति हेक्टेयर है। इसका वैश्विक औसत 37 टन प्रति हेक्टेयर है। दुनिया में टमाटर का उत्पादन ग्रीनहाउसेज और पॉलीहाउसेज में होता है। लेकिन भारत में अब तक बड़े पैमाने पर इसे नहीं अपनाया गया है।
टमाटर की शेल्फ लाइफ भी अपेक्षाकृत कम होती है, जिससे भी माना जाता है कि इसका असर उनकी कीमतों पर पड़ रहा है.
चेन्नई में टमाटर फिलहाल 100-130 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.
कीमतों में गिरावट का सामना करते हुए, तमिलनाडु सरकार ने बढ़ती कीमतों के बीच उपभोक्ताओं को कुछ राहत देने के लिए राज्य की राजधानी चेन्नई में राशन की दुकानों पर 60 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर टमाटर बेचना शुरू कर दिया है.
बेंगलुरु में टमाटर की कीमतें 101 से 121 रुपये प्रति किलोग्राम तक हैं. ऊंची कीमतों को मार्च और अप्रैल में अचानक तापमान में वृद्धि के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है, जिसका नतीजा यह हुआ कि टमाटर की उपज पर कीटों के हमले से मार्केट में रेट बढ़ गए हैं.
वहीं, दिल्ली में कल टमाटर के रेट 162-165 रुपये प्रति किलो पर
वहीं अदरक 100-120 रुपये से 250-350 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. वहीं हरी मिर्च सामान्य 100 रुपये से अधिक 200-300 रुपये प्रति किलो पर जेब ढीली कर रही है. पश्चिम बंगाल में टमाटर की कीमत 150 रुपये प्रति किलोग्राम है.
वहीं कोलकाता में 148 रुपये. दिल्ली और चेन्नई में कीमतें क्रमशः 110 रुपये और 117 रुपये प्रति किलो थीं. बता दें कि पिछले दो हफ्ते में टमाटर पैदा करने वाले राज्यों से सप्लाई बाधित हुई है, जहां टमाटर की तुड़ाई और इसका ढुलाई पर असर पड़ा है.