Varanasi Tent City News: बर्बाद हो गयी वाराणसी की टेन्ट सिटी, आंधी-पानी ने मचाई तबाही
वाराणसी। यूपी में अचानक मौसम ने करवट ले ली है। प्रदेश भर में अचानक कहीं ओले गिरे रहे तो कहीं तेज बारिश हो रही। ओले पड़ने से हजारों किसानों की फसलें भी बर्बाद हो गयी है।
क्योंकि बिन मौसम बरसात में केवल नुकसान ही होता है और वही नुकसान आज वाराणसी में हुआ है। यहाँ किसी किसान के फसल का नुकसान नहीं हुआ है बल्की करोड़ो रूपये से बनी टेंट में नुकसान हुआ है।
आज टेंट सिटी तेज आंधी और बारिश का शिकार हो गयी। वाराणसी में करोड़ो रूपये की लागत से बनी टेंट सिटी।'
जहां हुई मूसलाधार बारिश ने वाराणसी टेंट सिटी को उखाड़ दिया है। वाराणसी में मंगलवार को आई आंधी और बारिश ने टेंट सिटी को तहस नहस कर दिया है। आपको बता दें कि लग्जरी टेंट सिटी वाराणसी के गंगा पार में बसाया गया है।
दूर दूर से आने वाले सैलानी व पर्यटक उसमें रुके हुए थे। तभी अचानक आयी आंधी और मूसलाधार बारिश ने टेंट सिटी के कई हिस्सों में तबाही मचा दी है।
करोड़ो रुपयों की लागत से बना टेंट सिटी चंद घंटों की आंधी व बारिश में बर्बाद हो गया।
वाराणसी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गंगा उस पर रेत पर टेंट सिटी बनाई गई है।
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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में देश की पहली पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे परियोजना की आधारशिला रखने जा रहे हैं। 24 मार्च को वाराणसी आ रहे प्रधानमंत्री मोदी रोप वे का शिलान्यास करेंगे।इसके साथ ही कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया के बीच रोपवे का काम शुरू हो जाएगा।
आपको बता दें कि 644.49 करोड़ रुपए की लागत से यह परियोजना बनाई जा रही है। रोपवे कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक चलेगा। इस योजना से काशी विश्वनाथ मंदिर और दशाश्वमेध घाट जाना आसान हो जाएगा।
वाराणसी में नेशनल हाईवे, रिंग रोड, फ्लाईओवर, आरओबी के बाद अब भीड़-भाड़ वाले इलाके में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप वे चलने से वाराणसी में आने वाले देशी -विदेशी पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को भी काफी राहत मिलेगी।
आसान हो जाएगा बाबा विश्वनाथ का दर्शन
इस रोपवे के बनने के बाद श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए जाने वाले लाखों श्रद्धालुओं को सुविधा होगी, उनके पास ऑटो, टेम्पो और रिक्शा के अलावा एक और विकल्प भी मौजूद रहेगा।श्रद्धालु स्टेशन से उतरकर सीधा मंदिर के करीब तक जा सकेंगे।
कैंट से गोदौलिया के बीच चलेगा रोपवे
वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल ने बताया कि देश का पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे पहले चरण में वाराणसी कैंट से गोदौलिया के बीच चलाया जाएगा।
काशी के पुराने इलाकों की सड़के सकरी होने और ट्रैफिक का दबाव निरंतर बढ़ने से अ़क्सर यहां जाम की स्थिति बनी रहती है। जिससे देशी विदेशी पर्यटकों के अलावा स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
स्विट्जरलैंड की कंपनी कर रही निर्माण
नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि बोलीविया के लापाज और मेक्सिको के बाद भारत विश्व में तीसरा देश और वाराणसी पहला शहर होगा,
जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ये पायलट प्रोजेक्ट है और इसका निर्माण स्विट्जरलैंड की कंपनी बथोर्लेट और नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड (एनएचएलपीएल) मिलकर करेंगी।
कुल पांच स्टेशन होंगे
प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने बताया कि वाराणसी कैंट स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक कुल पांच स्टेशन होंगे। जिनमें कैंट रेलवे स्टेशन, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर और गोदौलिया चौराहे पर स्टेशन बनाया जाएगा।
रोपवे की कुल दूरी 3.8 किलोमीटर होगी, जो करीब 16 मिनट में तय होगी। लगभग 50 मीटर की ऊंचाई से करीब 150 ट्रॉली कार चलेगी। एक ट्रॉली में 10 पैसेंजर सवार हो सकते हैं। हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल पर यात्रियों के लिए ट्रॉली उपलब्ध रहेगी।
एक बार में 6000 यात्री करेंगे यात्रा
एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे। यानि 6000 लोग दोनों दिशा से एक घंटे में आ जा सकेंगे। रोप वे का संचालन 16 घंटे होगा। रोप वे 2 साल के अंदर बन कर तैयार हो जाएगा।
उन्होंने बताया की भूमि अधिग्रहण, तार व पाइप शिफ्टिंग का काम तेजी से चल रहा है। रोप-वे के लिए बनने वाले सभी स्टेशन पर काशी की कला, धर्म और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी।
रोप वे की ट्रॉली पर भी काशी की थांती देखने को मिल सकती है। कैंट रेलवे स्टेशन के पास ही रोडवेज बस अड्डा है इसलिए कैंट स्टेशन पर रोप-वे स्टेशन बनने से ट्रेन और बस से यात्रा करने वाले दोनों यात्रियों को काफी सहूलियत मिलेगी।