अजीबोगरीब परंपरा! शादी से पहले दुल्हन को बच्चा पैदा करना जरूरी, फिर होता है विवाह

Strange tradition! It is necessary for the bride to give birth to a child before marriage, then marriage happens

 
अजीबोगरीब परंपरा! शादी से पहले दुल्हन को बच्चा पैदा करना जरूरी, फिर होता है विवाह

हमारे समाज में शादी से पहले बच्चा पैदा करना किसी पाप से कम नहीं माना जाता है. एक लड़की के लिए शादी से पहले गर्भ धारण करने पर समाज में बदनामी के सिवा और कुछ हाथ नहीं आता है.

 

खासकर भारत में इस बात को काफी अलग नजरिए से देखा जाता है. लेकिन भारत में एक ऐसा राज्य भी है, जहां शादी से पहले बच्चा पैदा करना एक परंपरा है. शायद आपको ये सुनकर थोड़ा अजीब लगे लेकिन ये सच है.

 

भारत के एक समाज में ऐसा होता है, जहां शादी से पहले बच्चे पैदा करना वैध माना जाता है. चलिए बताते हैं आपको इस अजीबोगरीब परंपरा और समाज के बारे में.

 

 

गरासिया जनजाति में निभाई जाती है यह परंपरा


यह एक ऐसे समाज की कहानी है, जहां शादी के पहले बच्चे पैदा करना शुभ माना जाता है. यदि शादी से पहले यहां बच्चे पैदा न किए जाएं तो यह अपशकुन समझा जाता है. सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लगे लेकिन यह परंपरा भारत के ही राज्य राजस्थान (Rajasthan) में 1000 वर्ष से अब तक चली आ रही है.

 

 

जी हां, यह परंपरा उदयपुर (Udaipur) के सिरोही और पाली में रहने वाली गरासिया जनजाति में निभाई जाती है. यदि आप इस परंपरा को करीब से देखेंगे तो आपको इसमें आज के लिव इन रिलेशनशिप (Live-In Relationship) की झलक नजर आ जाएगी,

जिसे हमारा समाज गलत मानता है. इस जनजाति की परंपरा के मुताबिक, लड़के और लड़कियां अपनी रजामंदी से लिव इन में रहते हैं और बच्चे पैदा होने के बाद ही एक-दूसरे से शादी करते हैं.

 

जीवनसाथी चुनने की पूरी आजादी

परंपरा के नाम पर गरासिया जनजाति में 2 दिन का विवाह का विशेष मेला लगता है. इस मेले में लड़का और लड़की, दोनों एक-दूसरे को पसंद करते हैं और बिना विवाह किए एक साथ रहने लगते हैं.

इसके साथ ही बच्चे के जन्म के बाद ही अपनी इच्छानुसार शादी करते हैं. यहां लड़का और लड़की को अपना जीवनसाथी चुनने की पूरी आजादी मिली है.

गरासिया जनजाति के लोगों की मान्यता के अनुसार, कई वर्ष पहले इस जनजाति के चार भाई कहीं और जाकर रहने लगे थे. इनमें से 3 ने शादी की और एक लड़का लिव इन में रहने लगा था.

केवल लिव इन वाले को छोड़कर किसी के बच्चे नहीं हुए थे, तभी से यहां के लोग इस परंपरा का पालन कर रहे हैं. इस परंपरा को 'दापा प्रथा' कहा जाता है.