नौ महीने की मासूम के पेट से निकला बच्चा

Baby born out of nine month old baby's womb
 
नौ महीने की मासूम के पेट से निकला बच्चा

पाकिस्तान में एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसे जानकर हर कोई हैरान रह गया है। दरअसल, नौ महीने की एक मासूम के पेट दर्द का इलाज कर रहे डॉक्टरों को उसके पेट के भीतर से एक और बच्चा मिला।

डॉक्टर बच्ची के पेट से ट्यूमर निकाल रहे थे, तभी उन्होंने पाया कि जिसे वह ट्यूमर समझ रहे थे, वो असल में एक बच्चा है। डॉक्टरों ने तुरंत ऑपरेशन कर बच्चे को नौ महीने की बच्ची के पेट से बाहर निकाला।

दरअसल, हैरान करने वाला ये मामला पड़ोसी मुल्क के पंजाब प्रांत के सादिकाबाद शहर में सामने आया है। मेडिकल टर्म में इसे 'फीटस इन फिटू' के तौर पर जाना जाता है. सादिकाबाद के जिस शेख जायेद मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में बच्ची का ऑपरेशन हुआ, उसमें बाल रोग के सर्जन प्रोफेसर डॉ मुश्ताक अहमद ने बताया कि बच्ची जब एक महीने की थी, तभी से उसे पेट दर्द की समस्या से जूझना पड़ रहा था. मगर जब पेट दर्द बढ़ा, तो उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। 

डॉ मुश्ताक ने बीबीसी उर्दू को बताया कि बच्ची की जांच के दौरान उसके पेट में ट्यूमर और पानी की थैली जैसा कुछ होने की पुष्टि हुई। अल्ट्रासाउंड में भी ये बात साबित हो गई। उन्होंने बताया कि ये इतना ज्यादा अनोखा मामला है कि इस ओर उनका ध्यान गया ही नहीं।

डॉ मुश्ताक ने बताया कि उन्होंने बच्ची के माता-पिता को तुरंत सर्जरी के जरिए ट्यूमर हटाने की सलाह दी। माता-पिता पहले तो राजी नहीं हुई, लेकिन बाद उन्होंने इसके लिए हामी भर दी।


जब पेट में मिला बच्चा

डॉ मुश्ताक ने बताया कि ऑपरेश के दौरान जब बच्ची का पेट खोला गया, तो उसमें पानी की एक थैली और एक बच्चा मिला। ऑपरेशन में शामिल डॉक्टर ये देखकर दंग रह गए।

वह बताते हैं कि बच्चे के चेहरे को छोड़कर पूरा शरीर इंसानी बच्चे जैसा था। इसकी वजह ये है कि चेहरा बाद में विकसित होता है. उन्होंने बताया कि ये बच्चा छह से सात महीने का हो चुका था।

ऑपरेशन को लेकर बात करते हुए डॉ मुश्ताक ने बताया कि मासूम के पेट में मिला बच्चा उसकी छोटी आंत से भी जुड़ा हुआ था। वह आंतों के बीच से खून ले रहा था। हमें डर लग रहा था कि कहीं बच्ची को ऑपरेशन की वजह से नुकसान न पहुंच जाए। 

डॉ मुश्ताक का कहना है कि बच्ची का वजन साढ़े आठ किलो था, जबकि गर्भ से निकाले गए बच्चे का वजन दो किलोग्राम था।

बीबीसी उर्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, बच्ची के पिता आसिफ का कहना है कि उनकी बेटी की हालत अब ठीक है। वह बताते हैं कि इस परेशानी की शुरुआत तब हुई, जब बच्ची की उम्र एक महीने ही रही होगी।

वह बताते हैं कि शुरू में हमें मालूम ही नहीं चला कि समस्या क्या है। आसिफ खेती और मवेशी पालकर जीवन यापन करते हैं। उन्होंने कहा कि हम तीन-चार डॉक्टरों के पास गए लेकिन बीमारी के बारे में पता नहीं चल सका. आखिर में वह डॉ मुश्ताक के पास पहुंचे।

क्यों होती है 'फीटस इन फिटू' की समस्या?

डॉ मुश्ताक अहमद ने बताया कि बच्ची जिस परेशानी से जूझ रही थी, उसे 'फीटस इन फिटू' के तौर पर जाना जाता है। इसमें मां के गर्भ में दो बच्चे तैयार हो रहे होते हैं, मगर एक बच्चा दूसरे बच्चे के शरीर के भीतर तैयार होने लगता है।

 उन्होंने बताया कि ये इतना दुर्लभ केस है कि सिर्फ 10 लाख बच्चों में एक में ऐसा होता है। डॉक्टर ने बताया कि बच्ची के सैंपल को लैब भेजा गया है, जहां इस मामले के बारे में और भी ज्यादा जानकारी जुटाई जाएगी।